नयी दिल्ली भारत सही मानकों और गुणवत्ता वाले विनिर्माण के जरिये टेम्पर्ड ग्लास स्क्रीन प्रोटेक्टर्स (टीजी-एसपी) के मामले में 20,300 करोड़ रुपये के निर्यात के अवसर को हासिल कर सकता है। भारत को टीजी-एसपी की 95.1 करोड़ इकाइयों के निर्यात का मौका मिल सकता है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट ‘बिल्डिंग ए लार्ज टेम्पर्ड ग्लास स्क्रीन प्रोटेक्टर्स इंडस्ट्री इन इंडिया’ में यह दावा किया है।
आईसीईए ने अपने एक अध्यन के हवाले से रिपोर्ट में कहा कि भारत को वर्तमान में टीजी-एसपी उद्योग के लिए एक संगठित विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की जरूरत है। आईसीईए के अनुसार, टीजी-एसपी का घरेलू कारोबार वर्ष 2025 तक 25,000 करोड़ रुपये या 55 करोड़ इकाइयों तक पहुंच सकता है। इतनी बड़ी मात्रा में मांग होने के बावजूद भारत ने इस क्षेत्र में कोई ठोस व्यवस्था तैयार नहीं की है और 90 प्रतिशत कारोबार असंगठित तरीके से चल रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेम्पर्ड ग्लास को अनिवार्य पंजीकरण के अंतर्गत आने वाले उत्पाद (सीआरओ) में शामिल करना चाहिए, ताकि इसका सही मानकों के आधार पर उत्पादन किया जा सके। इस कदम से यह क्षेत्र मोबाइल चार्जर, बैटरी और ईयरफोन्स जैसे संगठित क्षेत्रों की तरह आगे बढ़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत अच्छी गुणवत्ता वाले टीजी-एसपी के उत्पादन के साथ वर्ष 2025 तक 20,300 करोड़ रुपये का निर्यात या वर्ष 2022 से 2025 के बीच कुल 40,000 करोड़ रुपये का कारोबार कर सकता है।
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