अब तक आप भी अपने स्मार्टफोन में गूगल मैप्स या एप्पल मैप्स का उपयोग करते आ रहे होंगे, लेकिन जल्द ही आपको सभी स्मार्टफोन में नया नेविगेशन सिस्टम ’नाविक’ देखने को मिल सकता है। नाविक देश में निर्मिट एक नेविगेशन प्रणाली है जो लोगों की स्थिति की सटीक जानकारी देती है।
सरकार ने दिया प्रस्ताव
सरकार ने भारत में बने सभी स्मार्टफोन में स्वदेशी रूप से विकसित नेविगेशन प्रणाली ‘नाविक’ को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन इसमें एक पेंच है। सितंबर के पहले सप्ताह में हुई बैठक में मौजूद कुछ मोबाइल और चिप कंपनियों ने कहा था कि ‘नाविक’ को स्मार्टफोन में शामिल करने से अतिरिक्त लागत आएगी। यानि नाविक से लैस फोन महंगे होंगे।
अभी तक GPS और ग्लानोस सपोर्ट करते हैं चिप्स
चिप निर्माताओं के अनुसार स्मार्टफोन में वर्तमान चिपसेट की आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) अमेरिकी नेविगेशन प्रणाली जीपीएस और रूसी नेविगेशन प्राणली ‘ग्लोनास’ का समर्थन करने के लिए स्थापित की हुई है। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2024-25 में एक उपग्रह छोड़ने की योजना बनाई है जो जीपीएस और ग्लोनास का समर्थन करने वाले एल1 बैंड को सहयोग करेगी। नाविक एल5 बैंड में उपलब्ध है।’’
नाविक के लिए तय नहीं है समय सीमा
‘‘बैठक विचार-विमर्श के लिये बुलायी गयी थी। अभी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। इस मामले पर उद्योग के साथ आगे चर्चा की जाएगी।’’ उद्योग के सूत्रों ने कहा कि घरेलू रूप से निर्मित स्मार्टफोन में ‘नाविक’ का समर्थन करने के लिए जनवरी 2025 की एक संभावित समयसीमा प्रस्तावित की गई है। यह प्रस्ताव विदेशी तकनीक पर देश की निर्भरता कम करने के सरकार के उद्देश्य का हिस्सा है।
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