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भारत सरकार की स्पेशल तैयारी, सभी मोबाइल ऑपरेटर्स को माननी होगी ये बात

भारत के पास अब अपना नेविगेशन सिस्टम होगा जिसका नाम है NavIC। भारत सरकार ने इसे एक्सपेंड करने को लेकर काम शुरू कर दिया है। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत ये प्रोजेक्ट हो रहा है।

मोबाइल - India TV Paisa Image Source : AP मोबाइल

मोदी सरकार अगले साल से देश में बिकने वाले नए डिवाइस में 'मेड इन इंडिया' नेविगेशन सिस्टम लगाने पर जोर दे रही है। NavIC को प्रचलित ग्लोबल पोजिशनिंग सर्विस (GPS) नेविगेशन सिस्टम के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इस सिस्टम से सरकार को बहुत फायदा होगा। सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि साइबर क्राइम से जुड़े मामले को कम समय और आसानी से सुलझाने में मदद मिलेगी। कई मीडिया रिपोर्टों के बाद दावा किया गया कि केंद्र ने स्मार्टफोन निर्माताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि अब स्मार्टफोन में NavIC फीचर लागू हो।

इसपर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन मिनिस्ट्री ने भी क्लेरिफिकेशन दे दिया है। केंद्र का कहना है कि  NavIC विदेशी नेविगेशन सिस्टम पर निर्भरता को खत्म कर देगा। यह नेविगेशन सिस्टम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के अनुरूप है।

आइए जानते हैं इंडियन नेविगेशन सिस्टम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बात:

Navigation with Indian Constellation (NavIC) इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन द्वारा विकसित एक इंडिपेंडेंट स्टैंडअलोन नेविगेशन सिस्टम है। इसे मूल रूप से 2006 में $174 मिलियन (₹1,426 करोड़) की लागत से अप्रूव किया गया था और इसके 2011 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद थी। और ये 2018 में चालू हो गया था। NavIC में आठ सैटेलाइट शामिल हैं, जो पूरे भारत के लैंडमार्क को कवर करते हैं और आस पास से 1,500 किलोमीटर तक की सीमाओं को कवर करते हैं।

NavIC सैटेलाइट डुअल फ्रीक्वेंसी बैंड (L5-बैंड और S-बैंड) प्रदान करते हैं। यही वजह है कि सिस्टम GPS की तुलना में अधिक सटीक चीजें बताता है। NavIC सिस्टम से सर्विस एरिया में 20 मीटर से बेहतर एक्यूरेसी प्रदान करने की उम्मीद है।

मोबाइल कंपनियों को हो रही है परेशानी:

भारत ग्लोबल लेवल पर  NavIC  कवरेज का विस्तार करना चाहता है और वह चाहता है कि टेक कंपनियां इससे पहले अपने डिवाइस को इसके लिए तैयार करें। Apple, Xiaomi और Samsung सहित स्मार्टफोन निर्माताओं को कथित तौर पर डर है कि उनके डिवाइस में NavIC स्पोर्ट सिस्टम को तैयार करने में काफी खर्चा हो सकता है। इन कंपनियों के डर का एक कारण ये भी है कि जनवरी 2023 से इसे डिवाइस में सपोर्ट करने की बात की जा रही है क्योंकि अभी इस सिस्टम को और टेस्ट करने की जरूरत है।

सरकार भारतीय कंपनियों के लिए NavIC को बढ़ावा दे रही है:

जीपीएस पर निर्भरता कम करें

इससे इंटरनेशनल बॉर्डर सिक्योरिटी को सुरक्षित रूप से कंट्रोल किया जाएगा

पुलिस, सेना और एयर और वाटर ट्रांसपोर्ट को बेहतर नेविगेशन सुरक्षा प्रदान करें

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