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Hindi News पैसा गैजेट Internet की स्पीड बेहतर करने के लिए गूगल करने जा रहा ये कमाल, जानिए क्या होगी खासियत?

Internet की स्पीड बेहतर करने के लिए गूगल करने जा रहा ये कमाल, जानिए क्या होगी खासियत?

भारत में 5G लॉन्च हो चुका है। कुछ शहरों में इसकी सर्विस भी शुरु हो गई है। वहीं भारत के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां अब भी इंटरनेट की पर्याप्त स्पीड नहीं मिलती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए गूगल ये कमाल करने जा रहा है।

Internet की स्पीड बेहतर करने के लिए गूगल करेगा ये कमाल- India TV Paisa Image Source : INDIA TV Internet की स्पीड बेहतर करने के लिए गूगल करेगा ये कमाल

गूगल अगले हफ्ते की शुरूआत में नए नेस्ट वाईफाई प्रो के लिए एक सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करेगा, ताकि कुछ यूजर्स द्वारा अनुभव की जा रही धीमी इंटरनेट स्पीड को दूर किया जा सके। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल नेस्ट वाईफाई के प्रोडक्ट प्रमुख ने कहा कि कंपनी वर्तमान में नेस्ट वाईफाई प्रो राउटर पर इंटरनेट की गति कम होने का अनुभव करने वाले यूजर्स की रिपोर्ट की जांच कर रही है, और इसकी टीमें इसे ठीक करने के लिए काम भी कर रही हैं।

पिछले महीने नेस्ट वाईफाई प्रो मेश राउटर लॉन्च किया

गूगल ने पिछले महीने नेस्ट वाईफाई प्रो मेश राउटर लॉन्च किया था, जो तेज वाई-फाई 6ए के लिए सपोर्ट करता है, जो 5.4जीडीपीएस तक की स्पीड देने में सक्षम है। यह नेटवर्क की भीड़ को कम करने में मदद करने के लिए 6गीगीहट्स बैंड भी जोड़ता है और स्वचालित रूप से "व्यवधानों को कम करने के लिए नेटवर्क प्रदर्शन" को समायोजित करता है।

यूजर्स ने की थी शिकायत

हालांकि, कुछ दिन पहले कुछ यूजर्स ने गूगल नेस्ट फोरम पर 40एमबीपीएस से लेकर 90एमबीपीएस तक कहीं भी कैप्ड डाउनलोड और अपलोड स्पीड के कारण एक समस्या के बारे में बताया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स ने कहा कि उनका पुराना नेस्ट वाईफाई प्रो, जो केवल वाई-फाई 5 को सपोर्ट करता है, नए डिवाइस से बेहतर प्रदर्शन करता है।

हालांकि, ये समस्याएं उन सभी को प्रभावित नहीं करती हैं जिन्होंने नया राउटर खरीदा है। यह मुख्य रूप से यूके में उन यूजर्स को प्रभावित करता है जो ईथरनेट (पीपीपीओई) नेटवर्क पर पॉइंट-टू-पॉइंट प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं।

इन जगहों पर आ रही समस्या

रिपोर्ट के अनुसार, कई डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन्स (डीएसएल) प्रोवाइडर इस प्रणाली का उपयोग करते हैं, जिसके लिए यूजर्स को अपने राउटर के लिए नाम और पासवर्ड के साथ कॉन्फिगर करने की आवश्यकता होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मुद्दे को अमेरिका और यूरोप के अन्य हिस्सों के साथ-साथ फाइबर वाले उपयोगकर्ताओं को भी प्रभावित करने की सूचना मिली है।

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