Google AI Technology: ChatGPT को पिछले साल नवंबर के महीने में पेश किया गया था। तब से लेकर आज तक OpenAI ने ChatGPT के असाधारण क्षमताओं और उसके दैनिक जीवन पर पड़ते प्रभाव का खुलासा किया है। इसको लेकर गूगल के सीईओ पहले हैरानी जता चुके हैं, अब वह Google का अपना AI ला रहे हैं, जिसका नाम Bard AI है। बता दें, कंपनी पिछले छह वर्षों से इस पावरफुल AI पर काम कर रही थी और अब आखिरकार कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने इसे पेश कर दिया है। एक ब्लॉग पोस्ट में पिचाई ने बताया कि बार्ड कौन है और इसकी कुछ बुनियादी कार्यक्षमता क्या है? कंपनी के भाषा मॉडल का नाम LaMDA है, जिसपर ये काम करेगी।
कंपनी ने क्या कहा?
Google के शब्दों में कहें तो बार्ड हमारे बड़े भाषा मॉडल की शक्ति, बुद्धि और रचनात्मकता के साथ दुनिया में नॉलेज के क्षेत्र को बढ़ाने में एक बड़ा योगदान निभाएगा। यह वेब से जानकारी स्टोर कर पाठकों तक पहुंचाने में समर्थ होगा। दो साल पहले Google ने नेक्स्ट जनरेशन की भाषा और कन्वर्सेशन को आसान बनाने के लिए एक AI की शुरुआत की थी जो लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग एप्लीकेशन (LaMDA) द्वारा संचालित है। इस LaMDA द्वारा संचालित AI सर्विस को गूगल ने बार्ड का नाम दिया है। ChatGPT की लोकप्रियता के बीच Google ने अब एक और कदम आगे बढ़ाया है और आने वाले हफ्तों में इसे जनता के लिए अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध कराने से पहले इसे विश्वसनीय टेस्टर्स के लिए खोल रहा है।
अधिक यूजर्स को स्केल करने में सक्षम
कंपनी ने कहा कि हम शुरुआत में इसे LaMDA के अपने हल्के मॉडल वर्जन के साथ जारी कर रहे हैं। इस बहुत छोटे मॉडल के लिए काफी कम कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होती है, जिससे हम अधिक से अधिक यूजर्स को स्केल करने में सक्षम होंगे। हम यह सुनिश्चित करने के लिए बाहरी फीडबैक को अपने आंतरिक परीक्षण के साथ जोड़ेंगे कि बार्ड की प्रतिक्रियाएं वास्तविक दुनिया की जानकारी में गुणवत्ता, सुरक्षा और आधारभूतता के लिए एक उच्च बार को पूरा करती है या नहीं। Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हम बार्ड की गुणवत्ता और गति को सीखने और सुधारने में मदद करने के लिए परीक्षण के इस चरण के लिए उत्साहित हैं।
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