ChatGPT Disadvantages: पिछले कुछ समय से ChatGPT की जमकर चर्चा हो रही है. आपने भी इसका नाम सुना होगा. इंटरनेट की दुनिया में चैट जीपीटी जमकर सुर्खियों में छाया हुआ है. इसकी पॉपुलर्टी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक्सपर्ट का कहना है कि चैटजीपीटी आने वाले समय में गूगल को भी पीछे छोड़ देगा. चैटजीपीटी गूगल की तरह ही काम करता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बेस्ड चैट जीपीटी यूजर्स के सवालों का जवाब देता है. दुनिया के कई देशों में यह चर्चा के केंद्र में है. ग्लोबल पावर कहा जाने वाले अमेरिका में भी इसको लेकर खूब बातें हो रही है. चैटजीपीटी की इंटेलिजेंसी (ChatGPT's Intelligence) ने अमेरिकियों का खूब ध्यान अपनी तरफ खींचा है. हालांकि अब अमेरिकियों में इसको लेकर चिंता भी देखने को मिल रही है. अमेरिकी नेताओं का कहना है कि इससे नेशनल सिक्योरिटी पर भी असर पड़ सकता है.
बता दें कि माना जा रहा है कि चैटजीपीटी मौजूदा समय में कंज्यूमर एप्लिकेशन के इतिहास में सबसे तेज़ी से बढ़ने और पॉपुलर होने वाला AI प्लेटफ़ॉर्म बन चुका है. इसे ओपेन एआई ने डेवलप किया है. फ़िलहाल अभी ये पब्लिक के लिए पेड़ और फ्री दोनों वर्जन में उपलब्ध है. अभी तक इसके फ़ायदे के बारे में लोग बात कर रहे थे लेकिन अब लोगों का ध्यान इससे होने वाले नुक़सान पर भी जाने लगा है. लोगों का मानना है कि इससे जहां काम आसान होंगे वहीं लोग इसका इस्तेमाल ग़लत जानकारी देने के लिए भी कर सकते हैं.
गलत जानकारी फैलने का बढ़ा डर
बता दें कि अमेरका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटिटिव साइंस कमेटी के एक सांसद ट्रेड लिव ने न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए कहा कि वह चैटजीपीटी के बारे में खुश हैं यह दुनिया को आगे बढ़ाने में एक अहम रोल निभाएगा. कई क्षेत्रों को इससे प्रोग्रेस मिलेगी लेकिन AI को यह सबसे पहले सुनिश्चित करे कि सभी अमेरिकियों के अधिकारों और प्राइवेसी का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं होगा. एक सीमीत दायरे में रहकर ही इसे काम करना चाहिए. चैटजीपीटी से यह डर बन गया है कि ऐसे माध्यमों का उपयोग ग़लत जानकारी फैलाने के लिए भी किया जा सकता है.
ChatGPT ने टीचर्स की बढ़ाई टेंशन
वहीं दूसरी तरफ इसके एक और नुक़सान की बात करें तो स्कूल के शिक्षक भी इसको लेकर काफ़ी चिंतित नज़र आ रहे हैं. टीचर्स का मानना है कि छात्र चैटजीपीटी का उपयोग अपना होमवर्क पूरा करने में कर सकते हैं. अमेरिकी सांसद ने कहा कि चैट जीपीटी का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित और एथिकल होना चाहिए. बता दें कि चैट जीपीटी को न्यूयॉर्क स्कूल्स में बैन कर दिया गया है.
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