नई दिल्ली। ऑनलाइन नीलामी के लिए रखे गए दुनिया के 6 सबसे खतरनाक वायरस वाले सैमसंग लैपटॉप को आखिरकार खरीदार मिल गया। यह खतरनाक लैपटॉप 13 लाख डॉलर (लगभग 9 करोड़ रुपए) में बिका है। सैमसंग एनसी10 लैपटॉप में मौजूद सबसे खतरनाक 6 वायरस ने दुनियाभर में लगभग 95 अरब डॉलर का वित्तीय नुकसान पहुंचाया है। लैपटॉप को इंटरनेट से अलग और एयर-गैप्ड रखा गया है। इस लैपटॉप को सुरक्षित रखने के लिए इसमें दिए गए पोर्ट को डिसेबल कर दिया गया है। विंडोज एक्सपी लैपटॉप को आर्ट वर्क के तौर पर नीलाम किया गया है।
इंटरनेट कलकार गुओ ओ डॉन्ग ने साइबर सिक्योरिटी कंपनी डीप इन्स्टिंक्ट के साथ मिलकर इसे तैयार किया है। लैपटॉप के लिए खतरनाक वायरस की आपूर्ति डीप इन्स्टिंक्ट ने ही की है। इस लैपटॉप में वाना क्राई रैनसमवेयर जैसा खतरनाक वायरस है। इस वायरस ने मई-2017 में अटैक किया था। इसके अटैक से 150 देशों के दो लाख से ज्यादा कम्प्यूटर्स पर असर पड़ा था और इसने लगभग 4 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया था। लैपटॉप का दूसरा खतरनाक वायरस ब्लैकएनरी है, जिसने यूक्रेन और आसपास के इलाकों में पावर ग्रिड को बंद कर दिया था।
सैमसंग के इस लैपटॉप में बहुत तेजी से फैलने वाला माईडूम वायरस भी है। इस वायरस का अटैक 2004 में हुआ था। लैपटॉप में आईलवयू वायरस भी है, जिसने 2000 में 5 लाख से अधिक कम्प्यूटर को प्रभावित किया था। इसके अलावा लैपटॉप में सोबिग और डार्कटकीला वायरस भी मौजूद हैं।
गुओ और डीप इन्स्टिंक्ट का कहना है कि यह वायरस किसी तरह से खतरनाक साबित न हों, इसके लिए उन्होंने पर्याप्त और प्रभावकारी कदम उठाए हैं। यह लैपटॉप एयर-गैप्स है। यानी यह सीधे तौर पर इंटरनेट से जुड़ा नहीं है, जिससे दूसरे नेटवर्क में वायरस नहीं फैल सकते हैं। इस लैपटॉप पर इंटरनेट नहीं चलेगा।
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