नई दिल्ली। वोडाफोन पीएलसी ने वोडाफोन-आइडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी को सात विदेशी बैंकों के पास गिरवी रखा है। वोडाफोन पीएलसी ने यह कदम वोडाफोन आइडिया द्वारा कर्ज चुकाने के लिए पूंजी जुटाने को लेकर प्रवर्तको को नए शेयर जारी करने के तुरंत बाद उठाया है।
वोडाफोन आइडिया में वोडाफोन पीएलसी की 44.39 प्रतिशत हिस्सेदारी है। गुरुवार की शेयर कीमत पर यह हिस्सेदारी 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक की है। वोडाफोन आइडिया ने शेयर बाजार को बताया कि उसने कंपनी में वोडाफोन समूह की 44.39 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रख दी है।
ये शेयर एचएसबीसी कॉरपोरेट ट्रस्टी कंपनी (यूके) लिमिटेड, एचएसबीसी बैंक पीएलसी, आईएनजी बैंक एनवी (सिंगापुर शाखा), स्टैनचार्ट बैंक, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच और मॉर्गन स्टानली सीनियर फंडिग इंक के पास गिरवी रखे गए हैं। ये सभी बैंक भारत से बाहर स्थित हैं। वोडाफोन आइडिया में वोडाफोन समूह की 12 इकाइयों के जरिये हिस्सेदारी है, जो भारत और मॉरीशस में स्थित हैं।
मॉरीशस स्थिति इकाईयों में अल-अमीन इनवेस्टमेंट, एशियन टेलीकम्यूनिकेशन इनवेस्टमेंट (मॉरीशस), ट्रांस क्रिस्टल, वोडाफोन टेलीकम्युनिकेशंस (इंडिया), सीसीआई (मॉरीशस), इंक, यूरो पैसीफिक सिक्यूरिटीज, प्राइम मेटल्स और मोविलवेस्ट शामिल हैं।भारतीय इकाईयां हैं ओमेगा टेलीकॉम होल्डिंग्स, जेके फिनहोल्डिंग (इंडिया), टेलीकॉम इनवेस्टमेंट इंडिया और ऊषा मार्टिन टेलीमैटिक्स।
वोडाफोन ग्रुप और इसके पार्टनर आदित्य बिड़ा ग्रुप द्वारा राइट इश्यू के जरिये वोडाफोन आइडिया में 17,920 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश के बाद इन शेयरों को गिरवी रखा गया है। ताजा पूंजी निवेश के बाद प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 71.33 प्रतिशत से बढ़कर 71.57 प्रतिशत हो गई है।
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