नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी कंपनी ट्विटर ने यह स्वीकार किया है कि उसके प्लेटफॉर्म पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2एफए) जैसी बेहतर सिक्योरिटी के लिए अपने ई-मेल और फोन नंबर देने वाले यूजर्स को लक्षित विज्ञापन भेजे जाते हैं।
माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कहा कि निजी जानकारी का उपयोग अनजाने में विज्ञापन उद्देश्यों, विशेषकर हमारे टेलर्ड ऑडियंस और पार्टनर ऑडियंस विज्ञापन तंत्र में उपयोग होता रहा है।
ट्विटर को यह नहीं पता है कि उसके कितने यूजर्स इससे प्रभावित हुए हैं। साल 2019 की दूसरी तिमाही तक ट्विटर के औसतन 13.9 करोड़ मोनेटाइजेबल डेली एक्टिव यूजर्स हैं। कंपनी ने कहा कि इसके लिए हम माफी मांगते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि दोबारा ऐसी गलती न हो।
ऑथेंटिकेशन प्रोसेस के दौरान 2एफए विज्ञापन सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत है, जो हैकर्स को यूजर्स के एकाउंट को हैक करने से रोकता है। कंपनी ने हालांकि दावा किया कि उसने अपने यूजर्स की निजी जानकारी को अपने पार्टनर्स या किसी अन्य थर्ड-पार्टी के साथ शेयर नहीं किया है।
पिछले साल माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने अपने 33.6 करोड़ यूजर्स से उनके एकाउंट का पासवर्ड बदलने के लिए कहा था। हैकर्स ने इसी साल अगस्त में ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी का एकाउंट हैक कर लिया था और कई आपत्तिजनक ट्वीट्स किए थे।
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