अब बस 2 दिन में हो जाएगा आपका मोबाइल नंबर पोर्ट, ट्राई ने उपभोक्ताओं को दिया क्रिसमस का तोहफा
अब मोबाइल नंबर पोर्ट करवाना पहले से बहुत तेज और आसान हो जाएगा। टेलीकॉम नियामक ट्राई ने गुरुवार को नए नियम जारी किए।
नई दिल्ली। अब मोबाइल नंबर पोर्ट करवाना पहले से बहुत तेज और आसान हो जाएगा। टेलीकॉम नियामक ट्राई ने गुरुवार को नए नियम जारी कर एक ओर जहां मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी में लगने वाले समय को घटा दिया है, वहीं परेशान करने वाले ऑपरेटर्स पर जुर्माना लगाने की भी घोषणाा की है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल नंबर पोर्टिंग रिक्वेस्ट के संबंध में गलत जानकारी देने और पोर्टिंग रिक्वेस्ट को गलत ढंग से रद्दर करने पर हर बार टेलीकॉम ऑपरेटर पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है।
रिलायंस कम्यूनिकेशंस और एयरसेल जैसी कई छोटी टेलीकॉम कंपनियो द्वारा हाल ही में अपना वायरलेस ऑपरेशन बंद करने के बाद कई उपभोक्ताओं को पोर्ट करने में काफी समस्या का सामना करना पड़ा था।
ट्राई ने टेलीकम्यूनिकेशन मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (7वां संशोधन) विनियम, 2018 में कहा है कि पोर्टिंग प्रक्रिया को तेज और आसान बनाने के लिए सभी मामलों में, कॉरपोरेट पोर्टिंग को छोड़कर, कंडीशन की वेलीडेशन और यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) के जनरेशन और डिलवरी के लिए संशोधित प्रक्रिया में, रियल टाइम आधार पर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस प्रोवाइडर को डॉनर ऑपरेटर के डाटाबेस से क्वेरी करने में सक्षम बनाने के लिए क्वेरी रिस्पॉन्स मैकेनिज्म बनाने का प्रावधान किया गया है।
समान टेलीकॉम सर्किल में पोर्टिंग रिक्वेस्ट के लिए, 2 कार्य दिवस की समयावधि तय की गई है, जबकि अन्य टेलीकॉम सर्किल में नंबर पोर्ट करवाने के लिए यह अवधि 4 दिन होगी। वर्तमान में, उपभोक्ता को एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने के लिए पहले ऑपरेटर के साथ 90 दिन तक बने रहना अनिवार्य है। इससे पहले, पोर्टिंग आवेदन पर कार्रवाई करने का अधिकतम समय 7 दिन था, जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट को छोड़कर, यहां यह अवधि 15 दिन थी।
सभी टेलीकॉम सर्किल में यूनिक पोर्टिंग कोड की वैधता अवधि को भी 15 दिन से घटाकर 4 दिन कर दिया गया है। इसका मतलब है कि यूपीसी जनरेट होने की तारीख से यह केवल 4 दिन तक ही वैध होगा। इससे पहले इसकी वैधता अवधि 15 दिन की थी। जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ-ईस्ट में यूपीसी की वैधता अवधि में बदलाव नहीं किया गया है।
नए नियमों के तहत यूनिक पोर्टिंग कोड केवल उन्हीं मोबाइल नंबर के लिए जनरेट किया जा सकेगा, जो नियामक द्वारा तय पात्रता नियमों को पूरा करते हैं। ट्राई ने टेलीकॉम उद्योग को इन बदलावों को लागू करने के लिए छह माह का समय दिया है, इसके बाद नए नियम प्रभाव में आ जाएंगे।