नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने मंगलवार को कहा कि सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के सरकार ने संकेत दिए हैं और जल्द ही इस पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए ट्राई जल्द ही विचार-विमर्श करेगा।
ट्राई अपने विमर्श के दौरान कई मसलों को शामिल करेगा, जिसमें इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि क्या पीएसयू को नीलामी से अलग स्पेक्ट्रम दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे निजी ऑपरेटर्स के साथ बोली में हिस्सा नहीं लेते हैं। इस दौरान बीएसएनएल को प्रशासनिक स्पेक्ट्रम के आवंटन, कीमत और 4जी के परिणाम पर भी विचार किया जाएगा।
बीएसएनएल के पास इस समय 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम है। लेकिन पूरे भारत में 4जी सेवा का विस्तार करने के लिए इसे कम से कम 10 मेगाहर्ट्ज रेडियो स्पेक्ट्रम की आवश्यकता है। राजस्थान में बीएसएनएल 4जी स्पेक्ट्रम का उपयोग करेगी, जहां इसके पास प्लान के आधार पर 800 मेगाहर्ट्ज बैंड है।
सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग ट्राई की सिफारिश पर आगे का फैसला लेगा। अंतर-मंत्रालयी समिति डिजिटल कम्यूनिकेशंस कमीशन ने दूरसंचार विभाग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत इस मामले पर ट्राई की टिप्पणी लेने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बगैर नीलामी के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटित नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली और मुंबई को छोड़कर पूरे भारत में बीएसएनएल का संचालन है और कंपनी 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में 4जी स्पेक्ट्रम का 5 मेगाहर्ट्ज देने की मांग काफी समय से कर रही है, जिसके लिए कंपनी ने दूरसंचार विभाग को एक प्रस्ताव भी भेजा है। बीएसएनएल लगीाग 13,885 करोड़ रुपए कीमत का 4जी स्पेक्ट्रम हासिल करना चाहती है।
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