नई दिल्ली। रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने दूरसंचार मंत्रालय के समक्ष शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि पुरानी कंपनियां भारती एयरटेल, वोडाफोन तथा आइडिया ने मार्च में उचित लाइसेंस शुल्क नहीं दिया जिससे सरकार को 400 करोड़ रुपए का संभावित नुकसान हुआ। यह भी पढ़े: Forbes: Jio के दम पर मुकेश अंबानी ग्लोबल गेम चेंजर की लिस्ट में टॉप पर, FREE सर्विस ने बदली लाखों लोगो की जिदंगी
रिलायंस जियो का आरोप
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने आरोप लगाया कि एयरटेल, वोडाफोन इंडिया तथा आइडिया सेल्यूलर ने लाइसेंस नियमों का उल्लंघन किया और जानबूझकर 2016-17 की अंतिम तिमाही का अग्रिम लाइसेंस शुल्क अनुमानित समायोजित सकल आय के आधार दिया जो तीसरी तिमाही से कम था। लाइसेंस समझौते के तहत चौथी तिमाही की राशि तीसरी तिमाही के भुगतान से कम नहीं होनी चाहिए।
क्या है मामला
शिकायतकर्ता के अनुसार एयरटेल ने जनवरी-मार्च 2017 के लिए लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब 950 करोड़ रुपए का भुगतान किया। जियो का आरोप है कि यह राशि एयरटेल द्वारा अक्तूबर-दिसंबर, 2017 में दिए गए 1,099.5 करोड़ रुपए के लाइसेंस शुल्क से 150 करोड़ रुपए कम है। यह भी पढ़े: जियो की प्राइम योजना से नहीं बढ़ रही मांग, मार्च में पुरानी कंपनियों को हुआ लाभ
सरकार को हुआ 400 करोड़ रुपए का नुकसान
नियमों के तहत दूरसंचार परिचालक को जनवरी-मार्च अवधि के लिये लाइसेंस शुल्क का भुगतान अनुमानित राजस्व के आधार पर करने की जरूरत थी लेकिन यह इसी वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में किए गए भुगतान से कम नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार, जियो के अनुसार वोडाफोन ने 550 करोड़ रुपए का भुगतान किया जो तीसरी तिमाही में दिये गये 746.8 करोड़ रुपए के लाइसेंस शुल्क से 200 करोड़ रुपए कम है। आइडिया ने तीसरी तिमाही में दिये गये 609.4 करोड़ के मुकाबले 70 करोड़ रुपए कम शुल्क का भुगतान किया। जियो का आरोप है कि इससे सरकारी खजाने को करीब 400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
सीओएआई ने किया खंडन
दूरसंचार कंपनियों का संगठन सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा, अगर मीडिया से मिली खबर सही है तो जो आरोप लगाये गये हैं, वो गलत और आधारहीन है। उन्होंने कहा कि सीओएआई को इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।यह भी पढ़ें : गूगल यूजर्स को जल्द मिलेंगे ये पांच फीचर्स, गूगल की डेवलपर कॉन्फ्रेंस में हुई घोषणा
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