नई दिल्ली। दूरसंचार ऑपरेटर और सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि कॉल ड्रॉप के स्तर में गिरावट आई है। वहीं दूसरी ओर दूरसंचार विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार ज्यादातर उपभोक्ताओं को अभी भी कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे के मुताबिक 62 फीसदी यूजर्स को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बयान में कहा, करीब 2,20,935 उपभोक्ता सर्वेक्षण में शामिल हुए। इनमें से 1,38,072 ने कहा कि उन्हें कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह सर्वेक्षण ऑटोमेटेड कॉल सर्विस के जरिए 23 दिसंबर से 28 फरवरी, 2017 के दौरान किया गया। इसमें सीधे उपभोक्ताओं से राय ली गई।
दूरसंचार विभाग की ऑटोमेटेड कॉल सर्विस या इंटिग्रेटेड वॉयस रेस्पॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस) ने सभी दूरसंचार प्रदाताओं के ग्राहकओं को 16.61 लाख कॉल कीं। बयान में कहा गया है कि उपभोक्ताओं के मिली राय से पता चलता है कि इंडोर में कॉल ड्रॉप की समस्या अधिक होती है। हालांकि, सरकार और टेलीकॉम कंपनियां कॉल ड्रॉप को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
कॉल ड्रॉप पर ऑपरेटर व हैंडसेट निर्माता आमने-सामने
कॉल ड्रॉप का मुद्दा अभी भी दावों और आरोपों और प्रत्यारोपों में उलझा है। संचार मंत्री मनोज सिन्हा का मानना है कि सरकार के प्रयासों से पिछले कुछ समय में कॉल ड्राप की स्थिति में सुधार हुआ है।
दूसरी ओर टेलीकॉम ऑपरेटरों ने कॉल ड्रॉप के लिए घटिया हैंडसेटों को भी जिम्मेदार ठहराते हुए हैंडसेटों की गुणवत्ता व मानक तय करने की सरकार से अपील की है।
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