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कोरोना संकट: फिक्की की वित्त मंत्री से मांग, आउटसोर्स सेवा कारोबारियों को मिले मदद

फिक्की के अनुसार इन क्षेत्रों का सालाना कारोबार करीब एक लाख करोड़ रुपये है

<p>FICCI</p>- India TV Paisa Image Source : FILE FICCI

नई दिल्ली। उद्योग मंडल फिक्की ने निजी सुरक्षा गार्ड, साफ-सफाई कर्मचारी और कारखानों में श्रमिकों की आपूर्ति करने जैसे आउटसोर्स सेवा कारोबार को वित्तीय मदद मुहैया कराने की जरूरत बतायी है। फिक्की ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस क्षेत्र को जीएसटी में छूट और भविष्य निधि में अंशदान इत्यादि के रूप में वित्तीय सहायता देने की मांग की है।

 

यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार देता है। इसमें एटीएम के लिए नकदी लाने ले जाने वाली सेवा भी शामिल है। फिक्की के अनुसार इन क्षेत्रों का सालाना कारोबार आकार करीब एक लाख करोड़ रुपये है। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के कुल संग्रह में योगदान देने वाला यह तीसरा बड़ा क्षेत्र है। पिछले साल इस क्षेत्र का जीएसटी संग्रह में योगदान करीब 25,000 करोड़ रुपये था। इसके अलावा इस क्षेत्र ने सबसे कम इनपुट टैक्स क्रेडिट दावे भी दाखिल किए हैं। इस क्षेत्र में करीब 10,000 लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने अगले तीन महीने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत कार्यबल के पारिश्रमिक में 35 प्रतिशत सब्सिडी और अगले छह महीने के लिए 25 प्रतिशत कार्यबल के लिए इतनी ही सब्सिडी की मांग रखी है। फिक्की की निजी सुरक्षा उद्योग समिति के चेयरमैन रितुराज सिन्हा ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि इस उद्योग की कंपनियों के लिए मौजूदा कार्यबल स्तर को बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। इसलिए इनको वित्तीय मदद पहुंचाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इस उद्योग की आय में 25 से 50 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है। इससे नौकरियां में कटौती करनी होगी। यह कारोबार कम मार्जिन और अधिक कार्यशील पूंजी के आधार पर चलता है। अगर भविष्य में इन सेवाओं को लेने वाली कंपनियां अपनी मांग कम करती या उन सेवाओं का मूल्य कम लगाती है अथवा भुगतान में देरी होती है तो करीब एक करोड़ के कार्यबल को पारिश्रमिक देना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा उन्होंने वित्त मंत्री से जीएसटी राहत देने की भी अपील की है। फिक्की ने 100 की संख्या तक कर्मचारी वाली कंपनियों के कर्मचारियों को दी रही भविष्य निधि अंशदान राहत को इस क्षेत्र की 100 से कम कर्मचारियों वाली सभी कंपनियों को भी दिए जाने की सिफारिश की है।

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