नई दिल्ली। चोरों के लिए चोरी का मोबाइल अब किसी काम का नहीं रहेगा या यूं कहें कि चोरों के लिए फोन बेकार हो जाएगा। आने वाले दिनों में ऐसा होने जा रहा है, क्योंकि सरकार उसे ब्लॉक कर देगी। ब्लॉक होने के बाद उस पर कोई भी नेटवर्क काम ही नहीं करेगा। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फोन की चोरी की रिपोर्ट के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) की वेबसाइट लॉन्च की है। राज्य में इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है।
यदि आपका मोबाइल फोन चोरी या गुम हो जाता है तो आपको एफआईआर दर्ज करनी होगी और हेल्पलाइन नंबर 14422 के माध्यम से दूरसंचार विभाग (DoT) को सूचित करना होगा। पुलिस की शिकायत के बाद, DoT IMEI नंबर को ब्लैकलिस्ट कर देगा, जिसके परिणामस्वरूप हैंडसेट को आपके मोबाइल नेटवर्क तक पहुंचने से अवरुद्ध कर दिया जाएगा। उसके बाद फोन भविष्य में किसी काम का ही नहीं रह जाएगा।
गौरतलब है कि दूरसंचार विभाग 2017 से, सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पर काम कर रहा है। IMEIs का एक डेटाबेस (अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान)- 15 अंकों की अद्वितीय संख्या जो मोबाइल उपकरणों की पहचान करती है। भारत में एक अरब से अधिक वायरलेस ग्राहक हैं।
इस व्यवस्था को फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर महाराष्ट्र में शुरू किया गया है। सफल होने पर इसे बाद में पूरे देश में लागू किया जाएगा। टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि इस लॉन्च के पीछे हमारी कोशिश एक तो सुरक्षा है और दूसरी कनेक्टिविटी है। सुरक्षा इसलिए ताकि मोबाइल से कोई खिलवाड़ न करे।
CEIR में GSMA के वैश्विक IMEI डेटाबेस तक भी पहुंच होगी, जिससे नकली हैंडसेट की पहचान करने के लिए IMEI नंबर की तुलना की जा सकेगी। GSMA एक वैश्विक निकाय है जो टेलीकॉम इकोसिस्टम में अन्य संस्थाओं के बीच सेलुलर ऑपरेटरों, गियर निर्माताओं, सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह हैंडसेट चोरी के मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सुनिश्चित करेगा।
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