नई दिल्ली। रिलायंस जियो द्वारा अपने उपभोक्ताओं से दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए 6 पैसा प्रति मिनट शुल्क लेने के फैसले की आलोचना करने वाली भारती एयरटेल ने अब खुद मोबाइल टैरिफ को बढ़ाने की वकालत की है। भारती एयरटेल ने मंगलवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2019 में कहा कि मोबाइल सर्विस की मौजूदा दरें दूरसंचार उद्योग के लिए व्यवहारिक नहीं रह गई हैं, इन्हें बढ़ाने की जरूरत है।
एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत एवं दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने रिलायंस जियो के वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट का शुल्क लिए जाने के कदम पर चुटकी लेते हुए कहा कि इंटरकनेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) टैरिफ का हिस्सा नहीं है। बल्कि यह कॉल को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर भेजने की लागत है, जिसका निपटान दूरसंचार कंपनियों के बीच आपस में होता है।
हालांकि, जियो ने कहा है कि वह ग्राहकों से लिए जाने वाले इस शुल्क की भरपाई के लिए उन्हें उतने ही मूल्य के बराबर मुफ्त डाटा देगी। विट्टल ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारा मानना है कि मोबाइल सेवा की मौजूदा दरें वहनीय नहीं हैं। इन्हें बढ़ाए जाने की जरूरत है। हम हमेशा इसके पक्ष में खड़े हैं।
रिलायंस जियो के कदम के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि आईयूसी का टैरिफ से कोई लेना-देना नहीं है। यह कॉल को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर भेजने की लागत है। यह दूरसंचार कंपनियों के बीच लेनदेन का मामला है, इसका निपटान कंपनियों के बीच होता है। पिछले 20 साल से आईयूसी कंपनियां खुद वहन करती आ रही हैं।
विट्टल ने कहा कि नीलामी के अगले दौर के लिए प्रस्तावित स्पेक्ट्रम की लागत भी बहुत अधिक है और यह किफायती भी नहीं है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दूरसंचार उद्योग को फिर से खड़ा करने और मजबूत बनाने की जरूरत है।
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