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Hindi News पैसा गैजेट रिचार्ज कराना होगा महंगा, 1 दिसंबर 2019 से टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ प्लान में कर रही हैं बढ़ोतरी

रिचार्ज कराना होगा महंगा, 1 दिसंबर 2019 से टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ प्लान में कर रही हैं बढ़ोतरी

मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को 1 दिसंबर से कॉल करने के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा, यानी टैरिफ प्लान महंगा होने जा रहा है।

Mobile User । File Photo- India TV Paisa Mobile User । File Photo

नई दिल्ली। आर्थिक मंदी के दौर में अब आप पर एक और बोझ पड़ने जा रहा है। आर्थिक संकट से गुजर रही टेलीकॉम कंपनियों के कर्ज का बोझ अब सीधा मोबाइल फोन ग्राहकों पर पड़ने वाला है। मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को 1 दिसंबर से कॉल करने के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना महंगा हो जाएगा, यानी टैरिफ प्लान महंगा होने जा रहा है।

दरअसल, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया 1 दिसंबर 2019 से अपने टैरिफ प्लान में बढ़ोतरी करने जा रही हैं। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के भारी भरकम बकाए को भरने के लिए दोनों कंपनियां ऐसा करने पर विचार कर रही हैं। हालांकि, दोनों कंपनियों ने अभी यह नहीं साफ किया है कि वह मोबाइल टैरिफ कितना महंगा करेंगी। हालांकि, इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार कंपनियां मोबाइल टैरिफ में 35 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। 

दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का कहना है कि टेलिकॉम सेक्‍टर में नई तकनीक लगाने के लिए बहुत ज्‍यादा निवेश की जरूरत है, इसलिए टैरिफ बढ़ाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, एयरटेल का 100 रुपए का रिचार्ज 135 रुपए तक महंगा हो जाएगा। यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि रिचार्ज कीमत न बढ़ाई जाए बल्कि कुछ सर्विस (वाइस कॉल, एसएमएस या डेटा) कम कर दिया जाए। हालांकि, पूरी तस्‍वीर एक-दो दिन बाद ही साफ हो पाएगी।

उधर, वित्तीय संकट ले जूझ रही वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने कहा कि वह टैरिफ में बढ़ोतरी करेगी, जो एक दिसंबर से प्रभावी होगा। टेलीकॉम सेक्टर की दोनों प्रमुख कंपनियों की ओर से घोषणा के बाद दिग्गज दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने भी टैरिफ में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। 

इधर दूरसंचार क्षेत्र के नियामक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए दूरसंचार कंपनियों द्वारा टैरिफ ऑफर्स के प्रकाशन में पारदर्शिता के मुद्दे परामर्श की प्रक्रिया शुरू की है। ट्राई ने टैरिफ से जुड़ी जानकारियों में पारदर्शिता की कमी पर बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं की शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया है। लेकिन ट्राई ने फिलहाल टेलीकॉम कंपनियों की ओर से की जाने वाली टैरिफ बढ़ोतरी में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। 

एजीआर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बढ़ा तनाव

टेलीकॉम सेक्टर के जानकारों का कहना है कि 14 साल पुराने एडजेस्टेड ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों पर देनदारी का दबाव बढ़ गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर विवाद पर दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ आदेश दिया था, इसमें ऑपरेटरों को सरकार को भारी बकाए का भुगतान करना होगा। ऐसे में कंपनियां टैरिफ बढ़ाकर इसकी पूर्ति करना चाहती हैं। यदि कंपनियां टैरिफ बाउचर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करती हैं तो इससे उन्हें अगले 3 सालों में 35 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है।  

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