नई दिल्ली। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने शुक्रवार को कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने उनके इस्तीफे की वजह भी बताई है। 64 वर्षीय बिल गेट्स ने एक दशक पहले कंपनी के रोजाना के कार्यों में शामिल होना बंद कर दिया था। सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि गेट्स ने स्वास्थ्य, विकास और शिक्षा जैसे सामाजिक और परोपकारी कार्यों को ज्यादा समय देने के लिए निदेशक मंडल से हटने का फैसला किया है। हालांकि, वह कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO)सत्य नडेला और अन्य शीर्ष अधिकारियों के तकनीकी सलाहकार बने रहेंगे।
कंपनी की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने कहा, 'पिछले सालों में बिल गेट्स के साथ काम करना और उनसे सीखना बहुत ही सम्मान और सौभाग्य की बात है। उन्होंने कंपनी की स्थापना सॉफ्टवेयर और चुनौतियों को हल करने के जुनून के साथ की थी।'
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को ज्यादा समय देने के लिए बिल गेट्स 10 साल पहले कंपनी के रोजाना परिचालन से अलग हो गए थे। वह फरवरी 2014 तक माइक्रोसॉफ्ट के निदेशक मंडल के चेयरमैन रहे। बिल गेट्स दुनिया के शीर्ष अमीर लोगों में शुमार हैं।
1975 में की थी माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना
बता दें कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में लगातार शुमार रहे बिल गेट्स ने पॉल एलन के साथ मिलकर साल 1975 में माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की थी। बिल गेट्स ने साल 2000 में खुद को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की भूमिका से अलग कर लिया था ताकि अपने चैरिटेबल फाउंडेशन को ज्यादा समय दे सकें। वहीं कंपनी के वर्तमान सीईओ सत्या नडेला साल 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे सीईओ बने थे।
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