नई दिल्ली। चीन के सामान के खिलाफ भारत में बनते माहौल का असर स्मार्टफोन बाजार पर देखने को मिल रहा है। काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान भारतीय समार्टफोन बाजार में चीन की कंपनियों की हिस्सेदारी घटकर 72 प्रतिशत आ गई है। इससे पहेल मार्च में खत्म तिमाही के दौरान चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी रिकॉर्ड ऊंचाई 81 प्रतिशत थी। कोरोना की वजह से भारत में चीन के बने सामान का बहिष्कार बढ़ा है और इसी वजह से चीन को कंपनियों की भारतीय समार्टफोन बाजार पर पकड़ कमजोर हो रही है।
ऐसी संभावना है कि चालू जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान चीन की कंपनियों की भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर पकड़ और भी कमजोर हो जाएगी। जून महीने के दौरान चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था और भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास किया था। इस घटना के बाद भारत में चीनी सामान का बहिष्कार और भी बढ़ गया है।
चीन की कंपनियों के खिलाफ बने इस माहौल का फायदा भारत में कोरिया की कंपनी सैमसंग को हो रहा है। अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सैमसंग का मार्केट शेयर बढ़कर 26 प्रतिशत तक पहुंच गया है जो जनवरी से मार्च के दौरान घटकर 16 प्रतिशत तक आ गया था। चीन की कंपनियों में रियलमी और ओपो को ज्यादा नुकसान हुआ है। अप्रैल-जून तिमाही में रियलमी का मार्केट शेयर घटकर 11 प्रतिशत तक आ गया है जो जनवरी-मार्च तिमाही में 14 प्रतिशत था और इस दौरान ओपो का मार्केट शेयर 12 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत तक आ गया है।
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