iPhone नहीं खरीद पाने से न हो परेशान, इन मामलों में बेहतर है आपका स्मार्टफोन
एप्पल का चर्चित iPhone7 पिछले 7 सितंबर को लॉन्च हो चुका है। माना जा रहा है कि इसकी कीमत 43000 रुपए हो सकती है।
नई दिल्ली। एप्पल का चर्चित iPhone 7 इस हफ्ते लॉन्च हो चुका है। माना जा रहा है कि इसकी कीमत 43000 रुपए हो सकती है। हालांकि भारत में iPhone को लेकर अभी उतना क्रेज नहीं है। जितना चीन और अन्य यूरोपीय देशों में दिखता है। इसीलिए भारत में एंड्रॉयड फोन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। पर क्या आपको पता है कि आपका एंड्रॉयड फोन कई मामलों में iPhone से बेहतर है। एंड्रॉयड एक ऐसा प्लैटफॉर्म है जिसके जरिए आप वो काम कर सकते हैं जो iOS में कभी संभव नहीं है। गूगल ने एंड्रॉयड का नया वर्जन यानी 7.0 नूगट लॉन्च कर दिया है और जल्द ही इसका फाइनल वर्जन का अपडेट आएगा। फिलहाल नेक्सस स्मार्टफोन में नूगट चल रहा है।
इन मामलों में बेहतर है
नेक्सस यूजर्स इसे अब तक का सबसे बेहतरीन मोबाइल ओएस बता रहे हैं। एंड्रॉयड नूगट में कई ऐसी चीजें हैं जो इसे iOS से कई मामलों में बेहतरीन बनाती हैं। ओएस को एक तरफ कर दें दो दूसरी तरफ स्पेसिफिकेशन, कैमरा और फीचर्स के मामले में कई स्मार्टफोन बाजार में हैं जो नए आईफोन से कहीं आगे हैं। कैमरा का सबसे बड़ा उदाहरण Galaxy S7 Edge है जिसका कैमरा सबसे बेहतरीन है। इसके अलावा Sony के फ्लैगशिप स्मार्टफोन में 4K डिस्प्ले है यानी इस मामले में भी आईफोन सोनी के इस फोन से काफी पीछे है
एंड्रॉयड Vs iOS
डुअल सिम ऑप्शन
भारतीय यूजर्स के लिए डुअल सिम काफी मायने रखता है। देश में रिलायंस जियो सस्ते 4G प्लान के साथ मौजूद है, लेकिन आईफोन यूजर्स इसे इसलिए यूज नहीं कर सकते क्योंकि नंबर बदलना आसान नहीं होता। उनके पास दूसरा ऑप्शन है कि प्राइमरी नंबर को रिलायंस जियो में पोर्ट करा लें, लेकिन अगर जियो सर्विस के मामले फिसड्डी हुआ तो फिर क्या करेंगे ? डुअल सिम स्मार्टफोन निश्चित तौर पर सिंगल सिम से बेहतर होते हैं।
गूगल ऐसिस्टेंट
सर्च इंजन में गूगल नंबर-1, इसलिए गूगल नाउ आपके लिए iOS की सीरी से ज्यादा बढ़िया जानकारी आपको देता है। नेविगेशन हो या वेदर की जानकारी चाहिए गूगल नाउ सिंपल और सीधे तरीके से जानकारी देगा।
होम स्क्रीन
आईफोन के होम स्क्रीन पर आप एंड्रॉयड जैसे मन पसंद एप मैनेज नहीं कर सकते हैं. यूजर्स कई बार इस वजह से भी परेशान रहते हैं.
इंस्टैंट एप्स
iOS में बिना इंस्टॉल किए आप कोई एप नहीं चला सकते हैं , लेकिन एंड्रॉयड का इंस्टैंट एप फीचर के जरिए किसी एप को बिना इंस्टॉल किए यूज कर सकते हैं। इससे आपका काम भी हो जाएगा और मेमोरी भी बची रहेगी। कई एप होते हैं जिसे हम एक दो बार ही यूज करते हैं ऐसे में यह आपके काफी काम का है।
मेमोरी ऑप्शन
आईफोन में आप एक्स्ट्रा मेमोरी नहीं लगा सकते हैं. इस दौर में जब एक फोटो 10MB और वीडियो 500MB की होती है आप 16/32 और 64GB के भरोसे नहीं रह सकते हैं. कुछ महीनों में 50 से ज्यादा एप डाल लेंगे फिर मोबाइल की मेमोरी खत्म. ऐसे में आईफोन यूजर्स के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं होता. लेकिन एंड्रॉयड यूजर अपने फोन में 256GB से तक की मेमोरी लगा सकता है।
iOS के मुकाबले एंड्रॉयड में कस्टमाइजेशन ज्यादा
बात कस्टमाइजेशन की है, यानी अपने स्मार्टफोन को अपने तरीके से ढालने की हो तो एंड्रॉयड का नया वर्जन बाजी मार जाता है. iOS में चाह कर भी आप यह नहीं कर सकते।
कीमत
इस स्टोरी को पढ़ रहे होंगे तो जाहिर है आप भारतीय यूजर होंगे। कीमत सबसे बड़ा मुद्दा है, नया आईफोन लेने के लिए आपको जेब ढीली करनी होगी. इतनी कीमत में अगर हाई एंड एंड्रॉयड स्मार्टफोन और स्मार्ट वाच दोनो हो जाए तो बेहतर होगा ना?
मल्टी टास्किंग
जब बात मल्टी टास्किंग की हो तो एंड्रॉयड का नया वर्जन नूगट नंबर-1 होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें दिए गए स्प्लिट स्क्रीन के जरिए आप एक साथ कई विंडो में काम कर सकते हैं. क्या आईफोन यूजर्स ऐसा कर सकते हैं?