नई दिल्ली: जियो की आक्रामक रणनीति, जियोफोन के नये ऑफर और लांच होने जा रहे कम लागत वाले स्मार्टफोन एक बार फिर से सब्सक्राइवर की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया। जेएम फाइनेंशियल द्वारा हालिया नोट में कहा गया कि दरों में वृद्धि में अल्पकालिक देरी से कंपनियों का प्रति यूजर औसत राजस्व (एआरपीयू) की दीर्घकालिक संरचना पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोरोना काल में डेटा का उपयोग बढ़ने से स्पेक्ट्रम की किल्लत हुई, जिससे वित्त वर्ष 2020-21 में जियो के सब्सक्राइवर जोड़ने की गति सुस्त पड़ी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा में अपने को अच्छे स्थान पर रखने से भारती को मोबाइल ब्रांड बैंड ग्रहाकों का बड़ा हिस्सा अपने साथ जोड़ने में मदद मिली। लेकिन जियो की उच्च आवृत्ति वाले बैंड में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खरीदने की आक्रामक रणनीति से ऐसा लगता है कि प्रतिस्पर्धी की ग्राहक जोड़ने की रफ्तार ठहरेगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जियो को जियोफोन के आक्रामक ऑफर तथा उसके बाद सस्ते स्मार्टफोन की होने वाली लांचिंग से कंपनी को सब्सक्राइवर जोड़ने की गति पाने में मदद मिल सकती है। इसमें टिप्पणी की गयी है कि जियो ने मार्च 2020 में 47 लाख शुद्ध नये ग्राहक जोड़े थे। उसके बाद यह औसत 23 लाख मासिक रहा।
इसमें कहा गया है कि जियोफोन के नये प्रस्तावों ओर स्मार्ट फोन की प्रस्तुति-इन दोनों कदमों से नये ग्राहाकों की संख्या बढ़ाने में जियो की सफलता बाजार में सेवा की दरें बढ़ाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। रपट में अनुमान लगाया गया है कि दरों में बढ़ोतरी 2021-22 के अंतिम महीनों में हो सकती है। इसमें कहा गया है कि जियो लम्बी अवधि में अपने ग्राहकों को डीजिटल सेवाओं की रोक्ष आपूर्ति या आपूर्ति का स्तर बढ़ाने में समर्थ होगी। इस लिए वह ग्राहक संख्या में विस्तार पर अधिक ध्यान दे रही है।
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