नयी दिल्ली। फेसबुक के स्वामित्व वाली इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप कंपनी व्हॉट्सएप ने कहा है कि इजराइल स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिए कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।
व्हॉट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। यह इजराइल की निगरानी करने वाली कंपनी है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं। व्हॉट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया।
व्हॉट्सएप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हॉट्सएप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है। हालांकि कंपनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बताई है लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय प्रयोगकर्ता भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या डेढ़ अरब है। भारत में करीब 40 करोड़ लोग व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। व्हॉट्सएप ने मंगलवार को कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में इजराइल की साइबर इंटेलिजेंस कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
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