Airtel-Telenor India के विलय को SEBI के बाद अब CCI ने दी मंजूरी
भारती एयरटेल (Bharti Airtel) को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से टेलीनॉर इंडिया (Telenor India) के विलय के लिए मंजूरी मिल गई है।
नई दिल्ली। भारती एयरटेल (Bharti Airtel) को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से टेलिनॉर इंडिया (Telenor) के विलय के लिए मंजूरी मिल गई है। पिछले सप्ताह भारती एयरटेल और टेलीनॉर इंडिया ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के समक्ष विलय की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। इससे पहले विलय को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: तथा बंबई शेयर बाजार और नेशनल स्टाक एक्सचेंज की मंजूरी मिल चुकी है।
CCI ने दी मंजूरी
कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा, हम यह सूचित करना चाहते हैं कि सीसीआई ने 5 जून, 2017 को पत्र जारी कर टेलीनॉर :इंडिया: कम्युनिकेशंस प्राइवेट लि. के भारती एयरटेल लि. में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
फरवरी 2017 में की थी डील
एयरटेल और टेलीनॉर ने फरवरी, 2017 में विलय के लिए करार किया था। इसके तहत एयरटेल सात सर्किलों आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश :पूर्व:, उत्तर प्रदेश :पश्चिम: और असम में टेलीनॉर के चल रहे परिचालन का अधिग्रहण करेगी। कंपनी ने कहा कि इन सर्किलों में काफी अधिक आबादी रहती है और ऐसे में ये वृद्धि के लिए व्यापक संभावनाएं पेश करते हैं।
SEBI ने पिछले हफ्ते दी थी मंजूरी
भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और टेलिनॉर इंडिया (Telenor India) के मर्जर को शेयर बाजार रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(NSE) ने पिछले हफ्ते मंजूरी दी थी। इसके लिए टेलिनॉर को अपनी भारतीय इकाई का सारी सम्पत्ति और सारे ग्राहक ट्रांसफर करने होंगे।
एयरटेल इन 7 सर्किल में होगी मजबूत
इस मर्जर के बाद एयरटेल को 43.4 MHZ का अतिरिक्त स्पेक्ट्रम मिलने से वह सात महत्वपूर्ण सर्कल में खुद को मजबूत कर सकेगी। टेलिनॉर की भारतीय यूनिट देश के सात अहम सर्कल्स आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश (ईस्ट), उत्तर प्रदेश (वेस्ट) और असम में अपनी सेवाएं देती है, यह सर्कल अब एयरटेल का हिस्सा होंगे।होगा।यह भी पढ़े: 4G डाउनलोड स्पीड में मार्च में भी RJio रहा सबसे आगे, आइडिया दूसरे और एयरटेल तीसरे स्थान पर
इसी साल दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा था, इस अधिग्रहण से कोई नुकसान नहीं होना है। 2016 की चौथी तिमाही में टेलिनॉर की कुल वैल्यू NOK 0.3 बिलियन थी। अग्रीमेंट के अनुसार एयरटेल टेलिनॉर की स्पैक्ट्रम पेमेंट और दूसरे कॉन्ट्रैक्ट्स का अपने हाथ मे ले लेगा।यह भी पढ़े: BSNL ने लॉन्च किया एक और बड़ा धमाकेदार ऑफर, ग्राहकों को मिलेगा रोजाना 10 GB इंटरनेट डाटा
जियो ने बढ़ाई टेलीकॉम कंपनियों की चिंता
रिलायंस जियो की ओर से फ्री वॉइस कॉलिंग और डेटा सर्विसेज के बाद से मार्केट में उथल-पुथल की स्थिति है और इससे देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल को भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेलिनॉर का अधग्रहण करने से एयरटेल को अतिरिक्त 1800 Mhz बैंड में 4जी स्पेक्ट्रम मिल सकेगा।