नई दिल्ली। गला काट प्रतिस्पर्धा से जूझ रहे टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने अपनी कमर कस ली है। भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया दोनों को राइट्स इश्यू के जरिये मोटा पैसा जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल गई है।
सेबी ने राइट्स इश्यू के जरिये 25,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए भारतीय एयरटेल को अपनी मंजूरी प्रदान की है। इससे पहले सेबी वोडाफोन-आइडिया को भी राइट इश्यू के जरिये 25,000 करोड़ रुपए जुटाने की मंजूरी प्रदान कर चुका है।
एयरटेल के निदेशक मंडल ने फरवरी में राइट इश्यू के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सूत्रों ने बताया कि सेबी ने एयरटेल के राइट इश्यू को हरी झंडी दे दी है। इस बारे में संपर्क करने पर भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस बारे में आवश्यक मंजूरियां लेने की प्रक्रिया में है और वह इस बारे में उचित समय पर घोषणा करेगी।
कंपनी के निदेशक मंडल ने इससे पहले राइट्स इश्यू के जरिये 25,000 करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके लिए कंपनी 220 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर पूर्ण चुकता शेयर जारी करेगी और विदेशी मुद्रा बिना मियाद वाले बांड निर्गम से 7,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त जुटाएगी।
वोडाफोन आइडिया के राइट इश्यू को विदेशी निवेशकों से मिलेंगे 18 हजार करोड़ रुपए
वोडाफोन-आइडिया के राइट इश्यू में विदेशी निवेशक करीब 18 हजार करोड़ रुपए लगा सकते हैं। इसमें प्रवर्तक वोडाफोन समूह की अधिक हिस्सेदारी होगी। कंपनी का 25 हजार करोड़ रुपए का राइट इश्यू 10 अप्रैल को खुलेगा।
एक अधिकारी ने कहा कि वोडाफोन-आइडिया ने सरकार से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी के लिए संपर्क किया है। प्रस्ताव को मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। ऐसा अनुमान है कि राइट इश्यू को विदेशी निवेशकों से 18 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं। पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक के एफडीआई को मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होती है। इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी को मंजूरी दी थी। कंपनी के निदेशक मंडल ने इस राइट इश्यू को 20 मार्च को हुई बैठक में मंजूरी दी थी।
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