बीजिंग। चीन ने गुरुवार को प्रमुख भारतीय विमान सेवा एयर इंडिया द्वारा स्वशासित ताइवान को चीनी ताइपे के रूप में उल्लेख किए जाने के निर्णय का स्वागत किया। चीन ने कहा कि विदेशी कंपनियों को चीन की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय एयरलांइस में शामिल इस भारतीय सरकारी विमान ने स्वशासित द्वीप के नाम में बदलाव करने वालों की कतार में अभी हाल ही में शामिल हुआ है। भारतीय एयरलाइंस ने यह बदलाव चीन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा जारी एक औपचारिक सूचना के बाद किया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी स्थिति काफी साफ है। इस मुद्दे पर भारतीय पक्ष और अन्य देशों को हमारी स्थिति के साथ बहुत स्पष्ट होना चाहिए। लू ने कहा कि एयर इंडिया इस बुनियादी और सामान्य तथ्य का सम्मान करता है कि चीन एक है और ताइवान इसका हिस्सा है। हम इसकी मंजूरी देते हैं।
कुछ समय पहले तक एयर इंडिया अपनी वेबसाइट पर द्वीप को ताइवान के तौर पर बुलाता था, जिसे चीन अपना दूर का प्रांत मानता है। लू ने कहा कि करना मूल सिद्धांत है जिसे विदेशी कंपनियों को चीन में पालन करने की जरूरत है।
ताइवान एक लोकतांत्रिक द्वीप है, जिस पर शासन कर रहे नेशनलिस्ट चीन के साथ 1949 में गृहयुद्ध में कम्युनिस्ट से हारने के बाद भाग गए थे। चीन ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध रखने वाले किसी देश से नाराजगी जाहिर करता है और उसके साथ औपचारिक संबंध रखने वाले देश पर दबाव बनाता है। भारत का ताइवान के साथ कोई राजनयिक संपर्क नहीं है, लेकिन ताइपे द्वीप का भारत में आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र है।
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