मौजूदा आर्थिक अनिश्चितताओं और स्टार्टअप इकोसिस्टम के सामने आने वाली हालिया चुनौतियों को देखते हुए 10 में से 7 (73 फीसदी) नौकरी चाहने वाले अब भारत में स्टार्टअप्स के बजाय बड़े कार्पोरेट कंपनियों को तरजीह दे रहे हैं। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। अग्रणी जॉब्स और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म अपना डॉट को के अनुसार, जॉब सीकर्स अब स्टार्टअप्स के बजाय स्थिर और स्थापित कंपनियों को तरजीह दे रहे हैं। केवल 27 प्रतिशत कर्मचारी अभी भी कैरियर के के लिए स्टार्टअप में काम करने को उत्सुक हैं।
नियोक्ता कौशल पर दे रहे जोर
वहीं नियोक्ता कौशल को प्राथमिकता दे रहे हैं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि नौकरी चाहने वाले नौकरी की तलाश करते समय स्थान और आवागमन, कार्य-जीवन संतुलन और कंपनी की संस्कृति के साथ-साथ वेतन के साथ-साथ कैरियर के विकास के अवसरों को प्राथमिकता देते हैं। लगभग 73 प्रतिशत भारतीय अपनी नौकरी की खोज में कैरियर के विकास को प्राथमिक कारक मानते हैं।
अपस्किलिंग कार्यक्रमों को लेकर सुस्त रवैया
10 में से लगभग 9 नियोक्ताओं ने कुशल पेशेवरों के महत्व को भर्ती के लिए एक प्रमुख क्राइटेरिया मानते हैं। हालांकि 10 में से केवल 6 नियोक्ताओं ने अपने संगठनों में अपस्किलिंग कार्यक्रमों को लागू किया है। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि नियोक्ता अब तकनीकी कौशल वाले उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं। खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में भूमिकाओं के लिए। लगभग 65 प्रतिशत पेशेवर नौकरी के साक्षात्कार में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल को एक प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री के रूप में महत्वपूर्ण मानते हैं।
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