दूरसंचार नियामक ट्राई ने अनचाही कॉल पर अंकुश के लिए सोमवार को दूरसंचार कंपनियों से कहा कि वे अपने मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को स्पैम संबंधी शिकायतों के पंजीकरण और वरीयता एवं सहमति की सेटिंग के लिए यूजर्स के अधिक फ्रेंडली बनाएं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने यह भी कहा कि सभी सेवा प्रदाताओं को पिछली तिमाही के बजाय मासिक आधार पर प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
पोर्टल को बेहतर बनाना अनिवार्य किया
विनियामक ने एक विज्ञप्ति में कहा, "अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) यानी स्पैम को कम करने के अपने निरंतर प्रयास में ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को अपने मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को बेहतर बनाना अनिवार्य कर दिया है, ताकि स्पैम कॉल संबंधी शिकायतों के पंजीकरण और वरीयता की सेटिंग के लिए उन्हें यूजर्स के अधिक अनुकूल बनाया जा सके।" ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्पैम शिकायत के पंजीकरण और वरीयता प्रबंधन के विकल्प उनके मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध हों।
ब्योरा स्वचालित रूप से दर्ज होंगे
इसके अलावा यदि उपयोगकर्ता अपने कॉल ब्योरा और अन्य प्रासंगिक डेटा तक पहुंच की अनुमति देते हैं तो शिकायतों के पंजीकरण के लिए जरूरी ब्योरा स्वचालित रूप से दर्ज हो जाना चाहिए। विज्ञप्ति के मुताबिक, स्पैम कॉल के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए ट्राई ने प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट (पीएमआर) के प्रारूपों में भी संशोधन लागू किए हैं। अधिक विस्तृत निगरानी के लिए अब सभी प्रदाताओं को मासिक आधार पर प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट देनी होगी जबकि अभी तक उन्हें पिछली तिमाही की रिपोर्ट देनी होती थी।
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