विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने वर्ष 2024 के लिए वैश्विक व्यापार वृद्धि का पूर्वानुमान गुरुवार को मामूली रूप से बढ़ाकर 2.7 प्रतिशत करने के साथ ही कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से पर्याप्त नकारात्मक जोखिम बना हुआ है। डब्ल्यूटीओ ने अप्रैल में जारी अपने पिछले पूर्वानुमान में कहा था कि इस वर्ष वैश्विक व्यापार में 2.6 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है। हालांकि, जिनेवा स्थित 166-सदस्यीय बहुपक्षीय संस्था ने अगले वर्ष के लिए पूर्वानुमान को पहले के 3.3 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया। डब्ल्यूटीओ ने अपनी वैश्विक व्यापार परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक नीति को लेकर बढ़ती अनिश्चितता पूर्वानुमान के लिए पर्याप्त नकारात्मक जोखिम पैदा करना जारी रखे हुए है।
सिंगापुर, मलेशिया, भारत और वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाओं में उछाल
रिपोर्ट कहती है, ‘‘वैश्विक वस्तु व्यापार में 2024 में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जो 2.6 प्रतिशत के पिछले अनुमान से थोड़ा अधिक है।’’ रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसी प्रमुख विनिर्माण अर्थव्यवस्थाओं की वजह से वर्ष 2024 की पहली छमाही में एशिया के निर्यात में मजबूत उछाल देखा गया। डब्ल्यूटीओ ने कहा कि चीन की वृद्धि मध्यम बनी हुई है। जबकि सिंगापुर, मलेशिया, भारत और वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाओं में उछाल है।
अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत का निर्यात 1.14% बढ़ा
यह बदलाव अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने, विभिन्न भू-राजनीतिक समूहों के साथ व्यापार करने में उनकी उभरती भूमिका की तरफ इशारा करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख संकेतकों के हिसाब से वस्तुओं की तुलना में सेवा व्यापार का परिदृश्य अधिक अनुकूल है। इस वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत का निर्यात 1.14 प्रतिशत बढ़कर 178.68 अरब डॉलर हो गया। जबकि आयात सात प्रतिशत बढ़कर 295.32 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान भारत का व्यापार घाटा 116.64 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 99.16 अरब डॉलर था।
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