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WPI Inflation: तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, लगातार दूसरी बार शून्य से भी नीचे गया आंकड़ा

WPI Inflation May: भारत तरक्की के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। मई महीने में थोक महंगाई में गिरावट देखने को मिली है।

WPI Inflation Rate- India TV Paisa Image Source : FILE WPI Inflation Rate

WPI Inflation Rate: भारत तरक्की के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। मई महीने में थोक महंगाई में गिरावट देखने को मिली है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई मई में घटकर शून्य से 3.48 प्रतिशत नीचे चली गई है। यानि कि इस समय भारत में महंगाई निगेटिव में चल रही है, जो तीन साल का निचला स्तर है। अप्रैल में यह शून्य से 0.92 प्रतिशत नीचे थी। यही हाल खुदरा महंगाई का भी है। मई महीने में खुदरा महंगाई दो साल के निचले स्तर 4.25% पर पहुंच गई। अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई 4.7 प्रतिशत रही थी। महंगाई में कमी आने से आम लोगों पर घर चलाने का बोझ कम होगा। वहीं दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी रेपो रेट में कमी करने का मौका मिलेगा। पिछली दो मौद्रिक पॉलिसी में रेपो रेट में बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में उम्मीद है कि अगर महंगाई इसी तरह कम होती रही है तो अगली मौद्रिक पॉलिसी की बैठक में आरबीआई रेपो रेट में कटौती पर फैसला ले सकता है। इससे होम, कार लोन समेत सभी तरह के लोन लेने वालों को राहत मिलेगी। रेपो रेट कम होने से ईएमआई का बोझ कम होगा। 

लगातार चौथे महीने में खुदरा महंगाई में गिरावट 

सरकार की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। आंकड़ों के अनुसार, मई, 2023 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.25 प्रतिशत रही जो अप्रैल, 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है। अप्रैल, 2021 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.23 प्रतिशत पर थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल, 2023 में 4.7 प्रतिशत रही थी। वहीं एक साल पहले मई, 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति 7.04 प्रतिशत के स्तर पर थी। इस तरह लगातार चौथे महीने में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट आई है। इसके साथ ही यह लगातार तीसरा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर पर है।

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