World Bank ने भारत के इस काम को असाधारण बताया, कहा, दुनिया के लिए मिसाल
नकद हस्तांतरण पर 60 फीसदी से अधिक खर्च निम्न वर्ग के 40 फीसदी लोगों तक पहुंचता है। सब्सिडी के बजाए नकद हस्तांतरण का आय वृद्धि पर अधिक बड़ा प्रभाव है।
World Bank के अध्यक्ष डेविड मालपास ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी संकट के दौरान भारत ने गरीब और जरूरतमंद लोगों को जिस प्रकार से समर्थन दिया है वह असाधारण है। उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। मालपास ने ‘गरीबी एवं पारस्परिक समृद्धि रिपोर्ट’ जारी करते हुए कहा कि अन्य देशों को भी व्यापक सब्सिडी के बजाए भारत की तरह लक्षित नकद हस्तांतरण जैसा कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी की सबसे बड़ी कीमत गरीब लोगों को चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि गरीब देशों में गरीबी बढ़ गई और ऐसी अर्थव्यवस्थाएं सामने आईं जो अधिक अनौपचारिक हैं, ऐसी सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां सामने आईं जो कमजोर हैं और ऐसी वित्तीय प्रणालियां जो कम विकसित हैं। इसके बावजूद कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं ने कोविड-19 के दौरान उल्लेखनीय सफलता हासिल की।
खाद्य एवं नकदी समर्थन देने में सफल
विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘डिजिटल नकद हस्तांतरण के जरिए भारत ग्रामीण क्षेत्र के 85 फीसदी परिवारों को और शहरी क्षेत्र के 69 फीसदी परिवारों को खाद्य एवं नकदी समर्थन देने में सफल रहा जो उल्लेखनीय है। वहीं दक्षिण अफ्रीका ने सामाजिक सुरक्षा दायरे में सबसे बड़ा विस्तार किया और गरीबी राहत पर 6 अरब डॉलर खर्च किए जिससे करीब 2.9 करोड़ लोगों को लाभ मिला।’’ उन्होंने बताया कि ब्राजील ने आर्थिक संकुचन के बावजूद 2020 में भीषण गरीबी को कम करने में सफलता हासिल की और ऐसा परिवार आधारित डिजिटल नकद हस्तांतरण प्रणाली से संभव हुआ।
नकद हस्तांतरण का बड़ा प्रभाव पड़ा
मालपास ने कहा, ‘‘व्यापक सब्सिडी के बजाए लक्षित नकद हस्तांतरण को चुनें। यह गरीबों और संवदेनशील समूहों को समर्थन देने के लिहाज से अधिक प्रभावी है। नकद हस्तांतरण पर 60 फीसदी से अधिक खर्च निम्न वर्ग के 40 फीसदी लोगों तक पहुंचता है। सब्सिडी के बजाए नकद हस्तांतरण का आय वृद्धि पर अधिक बड़ा प्रभाव है।’’
यूक्रेन की अर्थव्यवस्था 35 प्रतिशत सिकुड़ सकती है : विश्व बैंक
रूस के साथ आठ महीने से युद्ध झेल रही यूक्रेन की अर्थव्यवस्था इस साल 35 प्रतिशत सिकुड़ सकती है। विश्व बैंक ने यह अनुमान लगाते हुए कहा है कि देश के पुनर्निर्माण पर कम से कम 349 अरब डॉलर खर्च होंगे, जो यूक्रेन की युद्ध-पूर्व अर्थव्यवस्था के आकार का 1.5 गुना है। यूरोप और मध्य एशिया के लिए विश्व बैंक की उपाध्यक्ष एना बजेर्दे ने कहा, ‘‘यूक्रेन को भरपाई और पुनर्निर्माण परियोजनाओं के लिए भारी वित्तीय सहायता की आवश्यकता है क्योंकि युद्ध अनावश्यक रूप से जारी है।’’ यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के लिए विश्व बैंक का आकलन जून में अनुमानित 45.1 प्रतिशत की गिरावट से कम है। बैंक ने साथ ही उम्मीद जताई है कि यूक्रेन की अर्थव्यवस्था 2023 में 3.3 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि के साथ वापस लौटेगी। यह आकलन, हालांकि अत्यधिक अनिश्चित है और युद्ध के घटनाक्रम पर निर्भर करेगा। वहीं, पश्चिमी प्रतिबंधों से प्रभावित रूस की अर्थव्यवस्था के दोनों वर्षों में सिकुड़ने की आशंका है। वर्ष 2022 में रूस की अर्थव्यवस्था में 4.5 प्रतिशत और 2023 में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।