क्या TATA का हो जाएगा हल्दीराम? मालिकाना हक के लिए 51% हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में टाटा
हल्दीराम की शुरुआत 1937 में स्थापित एक छोटी सी दुकान से हुई है और यह अपने कुरकुरे, भुजिया, स्नैक के लिए प्रसिद्ध है।
हल्दीराम नमकीन आज देश के कोने-कोने में पहुंच चुका है। एक देसी ब्रांड जिसने न सिर्फ अपनी बेहतरीन स्वाद से विदेशी कंपनियों को दिन में तारे दिखाएं बल्कि देखते ही देखते एक बड़ा मार्केट कैप हासिल कर लिया है। अब टाटा ग्रुप इस नामचीन नमकीन कंपनी की तैयारी में है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने कहा कि टाटा समूह की उपभोक्ता इकाई लोकप्रिय स्नैक फूड निर्माता हल्दीराम की कम से कम 51% हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। हालांकि, ग्रुप 10 अरब डॉलर करीब (8400 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन को लेकर सहज नहीं है।
पेप्सी और मुकेश अंबानी को मिलेगी टक्कर
अगर यह सौदा सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है, तो पेप्सी और अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल को टक्कर मिलेगी। सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, जो यूके की चाय कंपनी टेटली का मालिक है और भारत में स्टारबक्स के साथ साझेदारी करता है, हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। संभावित अधिग्रहण टाटा के लिए एक रोमांचक अवसर का प्रतिनिधित्व करता है, व्यक्ति ने कहा, "टाटा (उपभोक्ता) को एक चाय कंपनी के रूप में देखा जाता है। हल्दीराम उपभोक्ता क्षेत्र में बहुत बड़ा है और इसकी व्यापक बाजार हिस्सेदारी है।"
टिप्पणी करने से इनकार
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह "बाजार की अटकलों पर टिप्पणी नहीं करेंगे"। हल्दीराम के मुख्य कार्यकारी कृष्ण कुमार चुटानी और बेन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एक फैमिली द्वारा संचालित हल्दीराम की शुरुआत 1937 में स्थापित एक छोटी सी दुकान से हुई है और यह अपने कुरकुरे "भुजिया" स्नैक के लिए प्रसिद्ध है, जो मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स पर 10 रुपये से भी कम में बेचा जाता है। यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, भारत के 6.2 अरब डॉलर के नमकीन स्नैक बाजार में इसकी लगभग 13% हिस्सेदारी है। लेज़ चिप्स के लिए मशहूर पेप्सी का भी लगभग 13% हिस्सा है।