NOC Certificate: आमतौर पर लोग घर या फिर कार खरीदने के लिए बैंक से लोन लेते हैं। इसके लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ ही NOC सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है। सभी डॉक्यूमेंट होने के बावजूद भी कुछ लोग इसके लिए अप्लाई तो कर देते हैं, लेकिन अप्रूवल नहीं मिलने के कारण परेशान हो जाते हैं। बैंक से लोन लेने के लिए 4 स्टेप से गुजरना जरूरी है। इनमें लोन एप्लीकेशन फॉर्म भरना, अप्रूवल, रकम खाते में ट्रांसफर और अंत में सेटलमेट शामिल हैं। अगर आप भी लोन लेने जा रहे हैं तो एनओसी सर्टिफिकेट के बारे में छोटी-बड़ी सभी तरह की जानकारी जरूर लें।
क्या है NOC सर्टिफिकेट
NOC का मतलब No objection certificate होता है। NOC सर्टिफिकेट बैंक से लोन लेने के बाद सभी रकम वापस देकर इसे सेटलमेंट करते समय ले सकते हैं। इसे बैंक या लेंडर जाती करता है। इस सर्टिफिकेट का मतलब सीधे तौर पर यह होता है कि आपके ऊपर पहले से किसी भी बैंक या लेंडर के ऊपर बकाया रकम नहीं है। यानी आपने पहले जो भी लोन लिया था उसे पूरी तरह पैसे देकर सेटलमेंट करवा चुके हैं। आमतौर पर लोग इसे लोन क्लोजिंग सर्टिफिकेट भी कहते हैं। लोन लेते समय इसकी जरूरत पड़ती है।
NOC सर्टिफिकेट की इस वजह से पड़ती है जरूरत
लोन देने से पहले बैंक के अधिकारी सबसे पहले क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं। पहले से अगर कोई भी लोन हो तो कई बार लोग नए लोन के लिए अप्लाई नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग पर्सनल या कार लोन लेने के बाद समय पर ईएमआई देना भूल जाते हैं या फिर इसे पे नहीं करते हैं। इन लोगों की गिनती डिफॉल्टर में होती है। लोन देने से पहले इन लोगों की पहचान करके ही अप्रूवल दी जाती है। इसके अलावा अगर कार लोन हो तो खास तौर पर NOC सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।
NOC सर्टिफिकेट लेने के क्या फायदे हैं
लोन लेने के बाद समय पर ईएमआई देकर क्रेडिट स्कोर को डाउन होने से बचा सकते हैं। लोन सेटेलमेंट करते समय बैंक से एनओसी सर्टिफिकेट की मांग जरूर करें। लोन लेते समय और सेटलमेंट के समय अगर दोनों अलग-अलग एड्रेस हो तो एनओसी सर्टिफिकेट लेने में परेशानी हो सकती है। इस सर्टिफिकेट के जरिए आप क्रेडिट स्कोर डाउन होने से बचने के अलावा बहुत ही आसानी से एक नया लोन अप्लाई कर सकते हैं। इसे मिल जाने के बाद आगे चलकर किसी भी कानूनी दांवपेच में फंसने की संभावनाएं नहीं रहती है।
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