महंगाई के मोर्चे पर दोहरा झटका लगा है। नवंबर महीने में खुदरा महंगाई बढ़ने के बाद अब थोक महंगाई भी 8 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। आपको बता दें कि थोक मुद्रास्फीति नवंबर में 0.26 प्रतिशत रही। खाद्य कीमतों में तेजी के कारण सात महीने तक शून्य से नीचे बनी रहने के बाद नवंबर में यह तेजी से बढ़ी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से लगातार शून्य से नीचे बनी थी। अक्टूबर में यह शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे थी। वहीं, खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में चार महीने के निचले स्तर 4.8 प्रतिशत पर पहुंचने के बाद नवंबर में बढ़कर 5.55 प्रतिशत हो गई।
इस कारण बढ़ी थोक महंगाई
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार कि नवंबर 2023 में मुद्रास्फीति मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, खनिजों, मशीनरी व उपकरण, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक व ऑप्टिकल उत्पादों, मोटर वाहनों, अन्य परिवहन उपकरणों और अन्य विनिर्माण वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण सकारात्मक दायरे में रही।’’ खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति नवंबर में 8.18 प्रतिशत रही, जो अक्टूबर में 2.53 प्रतिशत थी।
आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खुदरा या उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर तीन महीने के उच्चस्तर 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गयी। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को स्थिर रखा था। साथ ही नवंबर और दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने के संकेत दिए थे।
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