महंगाई के मोर्चे पर मामूली राहत की खबर आई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 0.2 प्रतिशत हो गई। यह उससे पिछले महीने में 0.27 प्रतिशत थी। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक निगेटिव थी और नवंबर में 0.26 प्रतिशत पर पॉजिटिव हो गई थी। भाषा की खबर के मुताबिक, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) संख्या पर आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर फरवरी, 2024 के महीने के लिए 0.20 प्रतिशत (अस्थायी) है, जो फरवरी, 2023 से अधिक है।
लेकिन इनकी कीमतों में हुई बढ़ोतरी
लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी के 6.85 प्रतिशत से मामूली बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई। सब्जियों की महंगाई दर जनवरी के 19.71 से बढ़कर फरवरी में 19.78 फीसदी रही। दालों की थोक महंगाई दर फरवरी में 18.48 प्रतिशत रही, जो जनवरी में 16.06 प्रतिशत थी। जारी आंकड़े हालांकि यह भी बताते हैं कि जनवरी की तुलना में फरवरी में बने प्रोडक्ट्स के मूल्य सूचकांक में कोई बदलाव नहीं हुआ।
खुदरा महंगाई में भी मामूली राहत
खुदरा महंगाई के मामले में भी मामूली राहत मिली है। खुदरा महंगाई दर फरवरी में पिछले महीने की तुलना में मामूली गिरकर 5.09 फीसदी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी यह आंकड़े बीते बुधवार को जारी हुए थे। इसके मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 5.1 प्रतिशत और फरवरी 2023 में 6.44 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक को यह जिम्मेदारी दी गई है कि खुदरा महंगाई दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रहे। जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा आधारित महंगाई दर 5 पर रहने का अनुमान लगाया था। आरबीआई ने लंबे समय से नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि आम लोगों को सस्ते कर्ज और ईएमआई में राहत का इंतजार जरूर है।
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