टाटा संस के CSO सिद्धार्थ शर्मा को टाटा ट्रस्ट का नया CEO नियुक्त किया गया है। मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि शर्मा की नियुक्ति एक अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी। शर्मा को टाटा ट्रस्ट के न्यासियों ने सीईओ के पद पर नियुक्त किया है। वह एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी हैं। टाटा ट्रस्ट की समूह की प्रतिनिधि कंपनी टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अभी तक इस ट्रस्ट के सीईओ एन श्रीनाथ थे, जो 2022 के अंत में रिटायर हो गए थे। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट के न्यासियों ने फोर्ड फाउंडेशन से जुड़ीं अपर्णा उप्पलुरी को कंपनी का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नियुक्त किया है।
भारत सरकार के लिए कर चुके हैं काम
माना जाता है कि टाटा ट्रस्ट के न्यासी बोर्ड ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद के लिए कुछ आंतरिक उम्मीदवारों से संपर्क किया गया था, जिसके बाद टाटा समूह के दिग्गज श्रीनाथ नरसिम्हन 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हुए। टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस का 66 प्रतिशत हिस्सा है। 2019 में सिद्धार्थ शर्मा टाटा में शामिल हुए थे। वह ढाई दशक से अधिक समय तक एक नौकरशाह रहे और वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और शहरी विकास सहित प्रमुख मंत्रालयों और सरकारी विभागों में सेवा की और भारत में पेंशन सुधार की अवधारणा और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रह चुके हैं प्रणब मुखर्जी के वित्तीय सलाहकार
2012-17 में शर्मा दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के वित्तीय सलाहकार थे। ग्रुप सीएसओ के रूप में वह ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) पहलों की निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं और उस क्षमता में टाटा सस्टेनेबिलिटी ग्रुप के प्रमुख हैं और टाटा ग्रुप सस्टेनेबिलिटी काउंसिल के अध्यक्ष हैं। बता दें, यह मोदी सरकार के भी करीबी माने जाते हैं। इनका रतन टाटा के साथ भी काफी अच्छा संबंध है। यह अपनी कार्यशैली के लिए काफी फेमस हैं।
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