मुंबई: निवेश का सबसे बेहतरीन विकल्प सोना माना जाता है। लोग सोने में इन्वेस्ट कर अपनी रकम को सुरक्षित मानते हैं। वहीं एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आखिर देश में सबसे ज्यादा सोना कौन खरीद रहा है। मध्यम आय वर्ग के लोग अधिक सोना खरीदते हैं और भौतिक रूप में सोने को रखना पसंद करते हैं। एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई है।
इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर (आईजीपीसी) की सोना एवं स्वर्ण बाजार-2022 की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उच्च आय वर्ग के लोग डिजिटल या ‘पेपर फॉर्मेट’ (कागजी इस्तावेज के रूप) में सोना रखने में रुचि रखते हैं। प्रति व्यक्ति सोने की खपत अमीरों में सबसे अधिक है, लेकिन इसकी कुल मात्रा अभी भी मध्यम आय वर्ग के पास है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश खपत 2-10 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के परिवारों में है, जो औसत मात्रा का लगभग 56 प्रतिशत है। इसमें कहा गया है कि इसलिए वे सुरक्षित निवेश पसंद करते हैं - यानी सोने और स्वर्ण उत्पाद या सुरक्षित सरकारी उत्पाद जैसे बैंक सावधि जमा, भविष्य निधि, जीवन बीमा, डाकघर बचत को तरजीह देते हैं, जहां जोखिम सबसे कम है। वहीं 10 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले उच्च-मध्यम और समृद्ध वर्ग के लिए, बचत - उनकी अतिरिक्त कमाई, बेकार पड़े अतिरिक्त धन और पूंजीगत लाभ पर कमाई है। इसलिए वे स्टॉक या शेयरों, डेरिवेटिव और रियल एस्टेट में निवेश करना पसंद करते हैं।
भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था पर पीपल रिसर्च (प्राइस) के सहयोग से आईजीपीसी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के माध्यम से घरेलू सोने की खपत रिपोर्ट तैयार की गई थी। सर्वेक्षण 40,000 घरों के बीच किया गया था।
रिपोर्ट में आगे खुलासा हुआ कि नोटबंदी या जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के क्रियान्वयन से सोने की खपत प्रभावित नहीं हुई। इसमें कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में कम से कम 74 प्रतिशत उच्च आय वाले परिवारों ने सोना खरीदने की पुष्टि की है।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि सोना उत्सव का प्रतीक है, और खरीद के कारणों में शादियों और त्योहारों में आभूषणों की खरीद का 65-70 प्रतिशत का योगदान होता है जबकि 30-35 प्रतिशत विवेकाधीन खर्च होता है। इसमें कहा गया है कि लगभग 43 प्रतिशत भारतीय परिवार शादियों के लिए सोना खरीदते हैं, 31 प्रतिशत बिना किसी विशेष अवसर के सोना खरीदते हैं।
आईजीपीसी के अध्यक्ष अरविंद सहाय ने कहा, ‘‘सोना अमीरों के लिए है, इस आम मानसिकता के विपरीत सर्वेक्षण ने हमें दिखाया कि मध्यम आय वाले परिवार मूल्य के साथ-साथ मात्रा में भी सबसे अधिक सोने खरीदते हैं। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि संपत्ति के रूप में सोने की खपत बढ़ाने में महामारी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’
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