कौन हैं अजय बंगा जो बने विश्व बैंक के नए प्रेसिडेंट? 2 जून को संभालेंगे पद
Who is Ajay Banga: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने विश्व बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा अजय बंगा को उनके शानदार नेतृत्व के लिए बधाई दी है। आइए जानते हैं कि कौन है अजय बंगा, जिनकी चर्चा आज पूरी दुनिया कर रही है।
भारत में जन्मे अजय बंगा को विश्व बैंक का अगला अध्यक्ष चुना गया है। एक 25-सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड ने पूर्व-मास्टरकार्ड सीईओ को इस पद के लिए चुना है, जिसे फरवरी के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा इस पद के लिए नामित किया गया था। बैंक ने पांच साल के कार्यकाल के लिए उनके नेतृत्व को मंजूरी देने के लिए मतदान करने के तुरंत बाद एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि बोर्ड विश्व बैंक समूह विकास प्रक्रिया पर बंगा के साथ काम करने के लिए उत्सुक है। बंगा 2 जून को पद संभालेंगे। उन्हें 5 साल के लिए नियुक्त किया गया है। वह विश्व बैंक के दिवंगत प्रमुख डेविड मलपास की जगह लेने वाले एकमात्र दावेदार थे, जिनका कार्यकाल अगले महीने की शुरुआत में समाप्त हो रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में कहा कि मैं अजय बंगा विश्व बैंक के अगले अध्यक्ष के लिए मेरे नामित - को बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा उनकी शानदार स्वीकृति के लिए बधाई देना चाहता हूं।
कौन हैं अजय बंगा
अजय बंगा की पहचान भारत से जुड़ी हुई है। उनका पूरा नाम अजयपाल सिंह बंगा (Ajaypal Singh Banga) है। बंगा का जन्म 10 नवंबर 1959 में महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। उनके पिता हरभजन सिंह बंगा सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे। उनका परिवार मूल रूप से जालंधर का रहने वाला है। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रैजुएशन और आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया हुआ है। भारत सरकार ने साल 2016 में उन्हें पदमश्री से सम्मानित किया था। मशहूर पत्रिका फॉर्च्यून ने 2012 में बंगा को ‘शक्तिशाली उद्योगपति-2012’ के तौर पर चुना था। वह हिंदुस्तान यूनिलीवर के पूर्व चेयरमैन मानविंदर सिंह बंगा के भाई हैं। एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद 1981 में उन्होंने नेसले इंडिया बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी जॉइन किया और 13 साल में मैनेजर बन गए। इसके बाद वे पेप्सिको के रेस्टोरेंट डिवीजन का हिस्सा बने। भारत में इस समय काफी चर्चित पिज्जाहट और KFC लाने में उनका अहम योगदान है।
मास्टरकार्ड में लंबा अनुभव
अजय फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्मों में से एक जनरल अटलांटिक के वाइस-चेयरमैन है। इससे पहले वह दिग्गज क्रेडिट कार्ड कंपनी मास्टरकार्ड के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ थे। 2009 में मास्टरकार्ड के CEO बने थे। उनके कार्यकाल के दौरान भारत में मास्टर कार्ड को काफी विस्तार मिला। इसके साथ ही मास्टर कार्ड के सिक्योरिटी फीचर लाने में भी उनका अहम योगदान है। मास्टकार्ड में विभिन्न भूमिकाओं पर काम करने के अलावा वह अमेरिकन रेड क्रॉस, क्रॉफ्ट फूड्स और डाउ इंक के बोर्ड में भी सेवाएं दे चुके हैं।