A
Hindi News पैसा बिज़नेस 69 साल की उम्र में जब Ratan Tata ने उड़ाया था F-16 फाल्कन फाइटर जेट, लैंड करने पर जानें क्या कहा था?

69 साल की उम्र में जब Ratan Tata ने उड़ाया था F-16 फाल्कन फाइटर जेट, लैंड करने पर जानें क्या कहा था?

रतन टाटा एक लाइसेंस प्राप्त पायलट थे। जब तक उनका स्वास्थ्य ठीक रहा, वे पायलट के रूप में उड़ान भरते रहे। रतन टाटा ने जिस F-16 ब्लॉक 50 फाइटर जेट उड़ाया था, उसकी कीमत 400 करोड़ रुपये से अधिक है। यह जेट 2,000 किमी/घंटा से ज्यादा की स्पीड तक पहुंच सकता है।

टाटा ने हवा में लगभग 40 मिनट बिताए थे और फ्लाइट के बीच में कंट्रोल भी संभाला।- India TV Paisa Image Source : TATA GROUP टाटा ने हवा में लगभग 40 मिनट बिताए थे और फ्लाइट के बीच में कंट्रोल भी संभाला।

रतन टाटा के पास न सिर्फ कारोबार या बिजनेस को आगे ले जाने का जज्बा था, बल्कि फाइटर प्लेन तक उड़ाने में भी माहिर थे। रतन टाटा एक लाइसेंस प्राप्त पायलट थे। जब तक उनका स्वास्थ्य ठीक रहा, वे पायलट के रूप में उड़ान भरते रहे। ज्यादातर लोगों को यह शायद ही पता होगा कि  भारतीय अरबपति और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा F-16 फाल्कन लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। साल 2007 में उन्होंने 69 साल की उम्र में F-16 फाल्कन फाइटर जेट को उड़ाकर सबको चौंका दिया था। दरअसल, बैंगलुरु में एक एयरशो में, टाटा ने F-16 के सह-पायलट के रूप में काम किया, जिसे पॉल हैटनडॉर्फ ने उड़ाया था, जो विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन के एक परीक्षण पायलट थे।

हवा में लगभग 40 मिनट बिताए थे

रतन टाटा ने जिस F-16 ब्लॉक 50 फाइटर जेट उड़ाया था, उसकी कीमत 400 करोड़ रुपये से अधिक है। यह जेट 2,000 किमी/घंटा से ज्यादा की स्पीड तक पहुंच सकता है। टाटा ने हवा में लगभग 40 मिनट बिताए थे और फ्लाइट के बीच में कंट्रोल भी संभाला। लैंडिंग के समय जाहिर तौर पर वह थके हुए थे, उन्होंने इस उड़ान को लेकर कहा- इट वाज ग्रेट यानी यह बहुत बढ़िया था। आपको बता दें,  F-16 के को-पायलट बनने वाले पहले भारतीय बनने के लगभग एक दशक बाद, टाटा ने भारत में F-16 ब्लॉक 70 का उत्पादन करने के लिए लॉकहीड मार्टिन के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

ये भी रखते थे शौक

रतन टाटा प्लेन उड़ाने के अलावा स्कूबा डाइविंग का भी शौक रखते थे। कभी शराब न पीने वाले और धूम्रपान न करने वाले रतन टाटा ने जानबूझकर अविवाहित रहने का फैसला किया। मुंबई में अपने घर में उनके साथ उनके जर्मन शेफर्ड, टिटो और टैंगो थे, और उनके लिए उनका प्यार हमेशा असीम था। एक बार रतन टाटा ने कहा था- पालतू जानवरों के रूप में कुत्तों के लिए मेरा प्यार हमेशा मजबूत रहा है और जब तक मैं जीवित रहूंगा, तब तक जारी रहेगा।

Latest Business News