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Hindi News पैसा बिज़नेस होली से पहले अच्छी खबर! सस्ता होगा आटा और मैदा, जानिए अचानक क्यों घट रहे हैं दाम

होली से पहले अच्छी खबर! सस्ता होगा आटा और मैदा, जानिए अचानक क्यों घट रहे हैं दाम

एफसीआई को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को 15 मार्च तक साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए कुल 45 लाख टन गेहूं बेचने को कहा गया है, ताकि गेहूं और गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके।

Wheat Price- India TV Paisa Image Source : AP Wheat Price

त्योहारों से पहले आपके लिए महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर है। आने वाले हफ्ते में आटा और मैदा जैसे जरूरी सामान सस्ते हो सकते हैं। सरकार अपने स्टॉक में रखा गेहूं बेच रही है। जिसके चलते मार्च की शुरुआत में खुले बाजारों में आटा की कीमतों में गिरावट आ सकती है। ई-नीलामी के पहले तीन दौर में, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने आटा मिल जैसे थोक उपभोक्ताओं को 18.05 लाख टन गेहूं बेचा है। जिसमें से 11 लाख टन बोलीदाताओं ने पहले ही उठा लिया है।

45 लाख टन गेहूं बेचेगी सरकार 

भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने बृहस्पतिवार को कहा कि खुले बाजार में थोक उपभोक्ताओं को गेहूं की चल रही बिक्री से थोक कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है और उम्मीद है कि एक सप्ताह में खुदरा कीमतों पर भी असर दिखाई देगा। एफसीआई को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को 15 मार्च तक साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए कुल 45 लाख टन गेहूं बेचने को कहा गया है, ताकि गेहूं और गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके। 

दो मार्च से फिर होगी नीलामी 

अगले दौर की ई-नीलामी दो मार्च को होगी। बिक्री के लिए 11 लाख टन से थोड़ा अधिक गेहूं की पेशकश की जाएगी। मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओएमएसएस की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही है। अब तक लगभग 11 लाख टन गेहूं का उठाव हो चुका है। इसका असर थोक कीमतों में पहले से ही दिखाई दे रहा है। यह कम होना शुरू हो गया है। खुदरा कीमत पर असर आने में समय लगेगा। उम्मीद है कि इस सप्ताह आप खुदरा कीमतों में गिरावट देख पाएंगे।’’ 

2200 रुपये क्विंटल तक आए दाम

गेहूं की थोक कीमतों में गिरावट आई है और अब ज्यादातर मंडियों में यह 2,200-2,300 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है। जबकि दिसंबर में गेहूं की कीमतें 3000 के पार पहुंच गई थीं। दक्षिणी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में खरीदारों द्वारा अधिकतम मात्रा में खरीदारी की गई है। चूंकि बड़ी संख्या में खरीदारों ने कम मात्रा में गेहूं खरीदा है, इसलिए गेहूं की उपलब्धता में सुधार होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इससे पूरे देश में कीमतें सामान्य हो जाएंगी।’’ 

जमाखोरी का डर नहीं 

सरकार का कहना है कि गेहूं की इतनी बड़ी बिक्री से गेहूं की जमाखोरी का कोई सवाल ही नहीं है। इसका कारण ई-नीलामी के पहले तीन दौर में 1,200 से अधिक खरीदारों ने भाग लिया था। अधिकतम बोली लगाने वाले छोटे थोक खरीदार थे। उन्होंने 100-500 टन के लिए बोली लगाई। मीणा ने कहा, ‘‘इसके अलावा, छोटे थोक खरीदार जमाखोरी नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास एफसीआई की तरह संरक्षित करने की क्षमता नहीं है। उन्हें तुरंत प्रसंस्करण करना होगा और निपटान करना होगा।’’

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