आने वाले दिनों में गेहूं का आटा, मैदा और सूजी सस्ते हो सकते हैं। दरअसल सरकार ने मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के बाद अब इसके आटे के निर्यात के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की मंजूरी को आवश्यक बना दिया है। यह नियम गेहूं का आटा, मैदा, सूजी आदि पर लागू होगा। बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम से घरेलू बाजार में इन चीजों की आपूर्ति बढ़ेगी जो इन जरूरी वस्तुओं की कीमत कम करने का काम करेगी। इससे महंगाई की मार से जनता को कुछ राहत मिलेगी।
12 जुलाई से लागू होगा नया नियम
अब गेहूं के आटे के निर्यातकों को आटा निर्यात करने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की मंजूरी लेनी होगी और यह आवश्यकता 12 जुलाई से प्रभावी होगी। विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, गेहूं के आटे की निर्यात नीति मुक्त ही है लेकिन निर्यात के लिए गेहूं के निर्यात पर बनी अंतर मंत्रालय समिति की मंजूरी लेनी होगी।
‘भ्रष्ट’ व्यापारियों पर की गई थी सख्ती
पिछले महीने वाणिज्य मंत्रालय ने गेंहू का गलत तरीके से निर्यात रोकने के लिए भ्रष्ट व्यापारियों पर नई शर्त लगाई थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक नोटिस जारी कर कहा था कि गेंहू निर्यातकों को अपनी निर्यात खेप भेजने को अनुबंध (आरसी) का पंजीकरण प्राप्त करने के लिए 13 मई को या उससे पहले जारी वैध एलओसी के साथ विदेशी बैंकों के साथ संदेश विनिमय जमा होना चाहिए। डीजीएफटी ने धोखाधड़ी करने वाले व्यापारियों को पहले की तारीख वाली ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ (एल सी) के आधार पर गेहूं निर्यात करने से रोकने के लिए नोटिस जारी किया था।
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