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Hindi News पैसा बिज़नेस Wheat Export Ban Explained: गेहूं निर्यात पर बैन से दुनिया में गहराया संकट, 60% बढ़े दाम, जानिए कितने देशों का पेट भरता है भारत

Wheat Export Ban Explained: गेहूं निर्यात पर बैन से दुनिया में गहराया संकट, 60% बढ़े दाम, जानिए कितने देशों का पेट भरता है भारत

भारत सरकार के गेहूं के एक्सपोर्ट (निर्यात) पर रोक लगाने के बाद विदेशी बाजारों में गेहूं की कीमतें 60% तक बढ़ चुकी हैं।

<p>Wheat Production </p>- India TV Paisa Wheat Production 

Highlights

  • भारत सरकार के एक्सपोर्ट बैन के बाद दुनिया भर में खाद्य संकट गहरा गया है
  • निर्यात पर रोक लगाने के बाद विदेशी बाजारों में गेहूं की कीमतें 60% तक बढ़ चुकी हैं
  • सरकारी एजेंसियों की गेहूं खरीद इस साल घटकर 1.8 करोड़ टन पर आ गई

Wheat Export Ban Explained: कोरोना की तबाही से दुनिया बस उबर ही रही थी कि रूस यूक्रेन युद्ध ने एक बार फिर करीब 8 अरब लोगों को त्रासदी झेलने को मजबूर कर दिया है। दुनिया भर में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला अनाज गेहूं हैं, जिसकी एक चौथाई सप्लाई रूस और यूक्रेन करते थे। ये दोनों देश युद्ध में व्यस्त हैं। ऐसे में दुनिया की निगाह दूसरे सबसे बड़े उत्पादक भारत पर टिकी थी। लेकिन 13 मई को भारत सरकार के एक्सपोर्ट बैन के बाद दुनिया भर में खाद्य संकट गहरा गया है। 

भारत सरकार के गेहूं के एक्सपोर्ट (निर्यात) पर रोक लगाने के बाद विदेशी बाजारों में गेहूं की कीमतें 60% तक बढ़ चुकी हैं। गेहूं की कीमत यूरोपीय बाजार के खुलने के साथ ही 435 यूरो ($ 453) (35,282.73 भारतीय रूपए) प्रति टन हो गई। G-7 देशों के ग्रुप ने भारत सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। हालांकि चीन ने भारत का बचाव किया है। 

भारत ने क्यों लगाया एक्सपोर्ट पर बैन 

एक्सपोर्ट पर बैन लगने से पहले भारत सरकार ने करीब 125 लाख टन गेहूं के निर्यात की उम्मीद जताई थी। लेकिन ऐसा होने से पहले ही सरकार को निर्यात पर बैन लगाना पड़ा। सरकार ने इसके लिए भारत और पड़ोसी देशों में फूड सिक्योरिटी का हवाला दिया गया है। इस बार जल्दी हीटवेव आने से गेहूं की पैदावर में कमी हुई है। अनुमान से कम उत्पादन की वजह से गेहूं और आटे की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। सरकार ने देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए यह कदम उठाया है। वहीं महंगाई के आंकड़ों ने भी सरकार को निर्यात पर बैन लगाने के लिए मजबूर किया है। 

Image Source : IndiatvTop 10 Contries

कमी हुई गेहूं की पैदावार 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मार्च में गेहूं में स्टार्च, प्रोटीन और अन्य ड्राई मैटर्स जमा होते हैं। ऐसे में 30 डिग्री से ज्यादा तापमान नहीं होना चाहिए। इस बार मार्च में कई बार तापमान 40 डिग्री को पार कर गया। इससे गेहूं समय से पहले ही पक गया और दाने हल्के हो गए। जिससे गेहूं की पैदावार 25% तक घट गई। इस बार केंद्र ने गेहूं का उत्पादन 11.13 करोड़ टन रहने की उम्मीद जताई थी। लेकिन बेमौसम मार की वजह से उत्पादन घटकर 10 करोड़ टन से भी कम रह सकता है।

सरकार की खरीद भी कम 

सरकारी एजेंसियों की गेहूं खरीद इस साल घटकर 1.8 करोड़ टन पर आ गई है। यह बीते 15 सालों में सबसे कम है। 2021-22 में कुल 4.33 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। भारत के बाजारों में गेहूं की कीमत 25 हजार रुपए प्रति टन है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य 20,150 रूपए प्रति टन ही है।

भारत के बैन से दुनिया पर भुखमरी का खतरा

भारत सरकार द्वारा 13 मई को बैन लगाने के कदम का दुनियाभर में असर दिखना शुरू हो गया है। बैन से सबसे ज्यादा कांगो, अफगानिस्तान, इथियोपिया, सीरिया, सूडान, पाकिस्तान जैसे देशों पर असर पड़ेगा। कई देशों में ब्रेड से लेकर नूडल्स तक के दाम बढ़ गए हैं। बढ़ते दामों की वजह से आने वाले वक्त में कई देशों में गेहूं से बनी खाद्य वस्तुओं के लाले पड़ सकते हैं। 

Image Source : IndiatvWheat Export 

भारत से तेजी से बढ़ा गेहूं का निर्यात 

भारत में बीते 5 साल में गेहूं का निर्यात तेजी से बढ़ा है। 2017 में भारत 48 देशों को सिर्फ 3.22 लाख टन गेहूं की सप्लाई करता था। वहीं 2021—21 में भारत से गेहूं खरीदने वाले देशों की संख्या 69 हो चुकी है, वहीं बीते साल भारत ने 78.8 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। इस रोक से पहले वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि चालू वित्त वर्ष में गेहूं निर्यात 100 से 125 लाख टन को पार कर सकता है। लेकिन पैदावार घटने के कारण भारत ने फिलहाल निर्यात से हाथ खींच लिए हैं। बता दें कि चीन और भारत के बाद रूस ही गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक है और गेहूं के निर्यात (एक्सपोर्ट) के मामले में वह नंबर वन है। वहीं गेहूं निर्यातक देशों में यूक्रेन का पांचवां स्थान है।

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