इस साल नहीं सताएगी 'रोटी' की महंगाई, आम लोगों के लिए आई ये अच्छी खबर
पिछले साल रोटी की महंगाई ने आम लोगों को खूब सताया। लेकिन इस साल आसार अभी तक अच्छे दिख रहे हैं। सरकार की एक समिति ने राहत देने वाली खबर दी है।
बीता 2022 का साल अभूतपूर्व महंगाई के नाम रहा। पहले कोरोना के बाद रिकवरी, फिर यूक्रेन संकट और फिर मौसम की मार, आम आदमी पर इन सभी हमलों का असर यह हुआ कि उनकी थाली की रोटी महंगी हो गई। रूस यूक्रेन जो दुनिया का 25 फीसदी गेहूं पैदा करते हैं वहां युद्ध के कारण जहाज अटक गए। भारत जो दुनिया की उम्मीद था, वहां मार्च अप्रैल की गर्मी ने गेहूं का उत्पादन घटा दिया। इससे आम लोगों के साथ ही सरकार के भी भंडार खाली रह गए।
इस साल भी फरवरी में चली गर्म हवाओं ने गेहूं के संकट के संकेत दे दिए हैं। लेकिन अभी तक राज्यों से जो खबरें आई हैं, वह राहत देते वाली हैं। सरकारी की एक समिति ने बताया कि देश के सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल की स्थिति सामान्य है। ऐसे में माना जा रहा है कि बाजार में गेहूं की आवक सामान्य रहेगी और अभी तक 2200 से 2500 रुपये क्विंटल बिक रहे गेहूं के दाम नीचे आ सकते हैं।
सरकार ने बनाई थी समिति
गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए 20 फरवरी को समिति का गठन किया गया था। गेहूं की फसल की स्थिति की निगरानी के लिए कृषि विभाग द्वारा गठित समिति की एक बैठक हाल ही में आईसीएआर- भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल में आयोजित की गई थी।
यूपी, हरियाणा, पंजाब में स्थिति सामान्य
जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, आईएमडी, आईसीएआर, प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लिया। गेहूं की फसल की स्थिति पर विस्तार से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों द्वारा चर्चा की गई, जहां गेहूं के रकबा 85 प्रतिशत से अधिक है। बयान में कहा गया, ‘‘समिति ने आकलन किया कि आज की तारीख में सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल की स्थिति सामान्य है।’’
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