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कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव का शेयरों की खरीद-बिक्री पर क्या होगा असर? यहां समझें

फ्यूचर और ऑप्शन पर लगने वाली सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। डेरिवेटिव सेगमेंट में ऑप्शन को सेल पर विक्रेता की ओर से 0.0625 प्रतिशत एसटीटी अदा किया जाएगा।

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आम बजट 2024 में कैपिटल गेन पर टैक्स में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इसका असर सीधे तौर पर निवेशकों को होने वाले मुनाफे पर पड़ेगा। बजट में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 15 प्रतिशत था। यानी अब कोई भी निवेशक 12 महीने से पहले किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयरों को बेचकर मुनाफा कमाता है तो उसे मुनाफे पर 20 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना है।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भी बढ़ा

बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। अब निवेशकों को 12 महीने से ज्यादा समय तक होल्ड किए गए शेयरों को बेचने पर हुए मुनाफे पर 12.5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। सरकार ने टैक्स में मामूली इजाफा करने के साथ निवेशकों को राहत भी दी है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में मिलने वाली टैक्स छूट को अब बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है, जो कि पहले 1 लाख रुपये थी।

F&O ट्र्रेडर को भी झटका

फ्यूचर और ऑप्शन पर लगने वाली सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाकर 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है। डेरिवेटिव सेगमेंट में ऑप्शन को सेल पर विक्रेता की ओर से 0.0625 प्रतिशत एसटीटी अदा किया जाएगा। वहीं, इस पर 0.125 प्रतिशत एसटीटी ऑप्शन खरीदार की ओर से दिया जाएगा। फाइनेंस बिल के मुताबिक, नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी। सरकार ने पर्सनल टैक्स के मोर्चे पर भी जनता को राहत दी है। नई टैक्स रेजीम के तहत 10 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स को 10 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 50,000 रुपये थी।

इनपुट: आईएएनएस

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