बजट 2024 में अब एक महीने से कम वक्त बचा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) यह बजट पेश करेंगी। साल 2024 आम चुनावों वाला साल है। इसलिए इस साल पूर्ण बजट पेश नहीं किया जाएगा। ऐसे में अंतरिम बजट पेश किया जाता है। यह बजट 1 फरवरी, 2024 को पेश किया जाएगा। बजट से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया जाता है। अब आप यह जानना चाहेंगे कि यह इकोनॉमिक सर्वे होता क्या है और यह कितना अहम है। आइए जानते हैं।
देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा
हर साल 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है। वित्त मंत्री संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करती हैं। इकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय का प्रमुख सालाना दस्तावेज होता है। इसे देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा भी कहते हैं। यह बताता है कि पिछले 1 साल में देश की इकोनॉमी कैसी रही है। यह बजट का मुख्य आधार भी होता है। सरकार इस दस्तावेज के जरिए देश की आर्थिक स्थिति के बारे में बताती है।
क्या होता है इसमें?
इकोनॉमिक सर्वे में तमाम सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में बताया जाता है। ग्रोथ के ट्रेंड के बारे में बताया जाता है। कहां कितना इन्वेस्टमेंट आया, यह जानकारी दी जाती है। इसमें प्रमुख आर्थिक आंकड़े और सेक्टरवार आर्थिक रुझानों की डिटेल होती है। इसमें सरकारी की नीतियों के बारे में देश को बताया जाता है।
इकोनॉमिक सर्वे के होते हैं 2 हिस्से
इकोनॉमिक सर्वे को दो हिस्सों में पेश किया जाता है। पहले हिस्से में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है। वहीं, दूसरे हिस्से में प्रमुख आर्थित आंकड़ों की जानकारी होती है।
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे
इकोनॉमिक सर्वे को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों की इकोनॉमिक्स डिविजन तैयार करती है। यह दस्तावेद मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार होता है। इसे रिलीज करने से पहले वित्त मंत्री की मंजूरी लेनी होती है। आर्थिक सर्वे वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है। इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार चालू वित्त वर्ष का ब्यौरा पेश करते हैं।
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