Elon Musk की भारत यात्रा में देरी के सवाल पर क्या बोलीं निर्मला सीतारमण? जानिए यहां
निर्मला सीतारमण ने कहा कि नीतियों को इस तरह से तैयार किया गया है, ताकि भारत को मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए पॉलिसीज तैयार की हैं। उन्होंने आगे जोड़ा कि न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन करने पर सरकार का जोर है। वह अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क (Elon Musk) के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बैठक स्थगित करने पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां बनाई गई हैं। हम चाहते हैं कि मैन्युफैक्चरर्स और निवेशक न केवल भारत के लिए, बल्कि यहां से निर्यात करने के लिए भी आएं और उत्पादन करें। हम पॉलिसीज के माध्यम से मैन्युफैक्चरर्स और निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे।''
मस्क की भारत यात्रा में देरी
टेस्ला के सीईओ मस्क ने शनिवार को कहा कि कंपनी के भारी दायित्वों के कारण उनकी भारत यात्रा में देरी हो रही है। सीतारमण ने कहा, ''जब बड़ी कंपनियां भारत आने में रुचि दिखाती हैं, तो हम उनके लिए यहां आने और निवेश को आकर्षक बनाने के लिए सब कुछ करेंगे। उस प्रक्रिया में, अगर चर्चा करने के लिए कुछ भी होगा, तो हम निश्चित रूप से चर्चा करेंगे। हमने जो भी किया है, नीति के जरिए किया है।''
महंगाई पर पाया काबू, इकॉनमी मजबूत
उन्होंने कहा कि नीतियों को इस तरह से तैयार किया गया है, ताकि भारत को मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके। वित्त मंत्री ने महंगाई के बारे में बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के तहत एक महीने को छोड़कर, यह कभी भी सहनशील सीमा को पार नहीं कर पाई। उन्होंने आगे जोड़ा कि 2014 से पहले अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में थी और मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में थी। सीतारमण ने कहा, ''उस समय (2014 से पहले) किसी को भी देश से कोई उम्मीद नहीं थी। बहुत कड़ी मेहनत के बाद, हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरे हैं और आत्मविश्वास से कह रहे हैं कि अगले दो से ढाई साल में हम तीसरे स्थान पर होंगे।'' रोजगार के बारे में उन्होंने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के आंकड़ों में कमी है, लेकिन केंद्र की पहल से लाखों लोगों को रोजगार मिला है।