Vivo इंडिया ने टैक्स देनदारी से बचने के लिए अपने कुल कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा यानी 62,476 करोड़ रुपये विदेशों में भेज दिए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने ईडी ने कहा कि वीवो इंडिया ने भारत में कर देने से बचने के लिए अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा चीन एवं कुछ अन्य देशों में भेज दिया। विदेशों में भेजी गई राशि 62,476 करोड़ रुपये है जो उसके कारोबार का लगभग आधा हिस्सा है।
465 करोड़ की राशि जब्त की गई
ईडी ने कहा कि वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं इसकी 23 संबद्ध कंपनियों के खिलाफ बुधवार को चलाए गए सघन तलाशी अभियान के बाद उनके बैंक खातों में जमा 465 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है। इसके अलावा 73 लाख रुपये की नकदी और दो किलोग्राम सोने की छड़ें भी जब्त की गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वीवो के पूर्व निदेशक बिन लाऊ ने भारत में कई कंपनियां बनाने के बाद वर्ष 2018 में देश छोड़ दिया था। अब इन कंपनियों के वित्तीय ब्योरों पर जांच एजेंसी की नजरें हैं।
कर्मचारियों ने तलाशी में सहयोग नहीं किया
प्रवर्तन निदेशालय ने यह आरोप भी लगाया है कि वीवो इंडिया के कर्मचारियों ने उसकी तलाशी अभियान के दौरान सहयोग नहीं किया और भागने एवं डिजिटल उपकरणों को छिपाने की कोशिश भी की। हालांकि एजेंसी की तलाशी टीमें इन डिजिटल सूचनाओं को हासिल करने में सफल रहीं।
44 स्थानों पर तलाशी ली गई थी
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता वीवो और संबंधित फर्मों के खिलाफ धन शोधन जांच में देशभर में 44 स्थानों पर तलाशी ली थी। एजेंसी ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में वीवो और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े 44 स्थानों पर तलाशी ली थी। ईडी ने गत 29 अप्रैल को शाओमी इंडिया के बैंक खातों को जब्त करते हुए उनमें जमा 5,551 करोड़ रुपये की निकासी पर रोक लगा दी थी। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में की गई थी।
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