"चिप से भारत करेगा चीन को चित" वेदांता और फॉक्सकॉन गुजरात में लगाएंगी देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र
भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी।
कोरोना महामारी जितनी घातक इंसानों के लिए साबित हुई, उतनी ही विनाशकारी इंडस्ट्री के लिए भी साबित हुई। मोबाइल से लेकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अब तक सेमीकंडक्टर के संकट से जूझ रही हैं। सेमी कंडक्टर के मामले में भारत अब तक चीन पर निर्भर था। लेकिन अब भारत दुनिया की चिप फैक्ट्री बनने जा रहा है।
वेदांता और फॉक्सकॉन भारत में बनाएंगी चिप
भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी। वेदांत-फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम की डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई, सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग इकाई राज्य के अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित की जायेगी। इस संयुक्त उद्यम में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमशः 60 और 40 प्रतिशत होगी।
2 साल में शुरू होगा संयंत्र
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, ‘‘संयंत्र दो साल में उत्पादन शुरू कर देगा।’’ सेमीकंडक्टर या माइक्रोचिप्स का इस्तेमाल कई डिजिटल उपभोक्ता उत्पादों में आवश्यक चीज के रूप में होता है। इसका इस्तेमाल कारों से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड तक के उत्पादन में किया जाता है।
भारत में 27 अरब डॉलर का बाजार
भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य वर्ष 2021 में 27.2 अरब डॉलर का था। इस क्षेत्र के 19 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के साथ वर्ष 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, इनमें से कोई भी चिप्स अब तक भारत में निर्मित नहीं है। पिछले साल सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में भारी कमी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन समेत कई उद्योगों को प्रभावित किया।
सरकारी पीएलआई योजना का मिलेगा लाभ
सरकार ने ताइवान और चीन जैसे देशों से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए देश में सेमीकंडक्टर्स के विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन से जुड़ी वित्तीय योजना लेकर आई है। इस कड़ी में वेदांत-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के सफल आवेदकों में से एक है।
सस्ते होंगे लैपटॉप और टैबलेट
अग्रवाल ने कहा, ‘‘देश में हमारा यह पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र होगा। चिप्स के स्थानीय निर्माण से लैपटॉप और टैबलेट की कीमतों में कमी आएगी।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौता ज्ञापन की सराहना करते कहा कि यह अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और रोजगार पैदा करेगा।
पीएम मोदी ने किया ये ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि यह एमओयू भारत की सेमीकंडक्टर विनिर्माण महत्वाकांक्षा को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मोदी ने कहा, ‘‘कुल 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश अर्थव्यवस्था और नौकरियों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह सहायक उद्योगों के लिए एक बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाएगा और हमारे एमएसएमई की मदद करेगा।’’
ये कंपनियों भी लगाएंगी सेमीकंडक्टर संयंत्र
वेदांत के अलावा दुबई की कंपनी नेक्स्टऑर्बिट और इजराइल की प्रौद्योगिकी कंपनी टॉवर सेमीकंडक्टर के एक संघ ने मैसूर में एक संयंत्र के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वहीं, सिंगापुर की आईजीएसएस वेंचर ने अपनी सेमीकंडक्टर इकाई के लिए स्थान के रूप में तमिलनाडु को चुना है।
ये हैं तीन सबसे बड़े खिलाड़ी
दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी चिप का आठ प्रतिशत ताइवान में बनता है। इसके बाद चीन और जापान का स्थान है। उन्होंने कहा, ‘‘आगामी संयंत्र से भारत में चिप निर्माण की शुरुआत होगी। यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अन्य देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी।’’