आर्थिक अनिश्चतता और बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने से भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में उद्यम पूंजी (वीसी) निवेश वर्ष 2022 में 38 प्रतिशत तक घट गया। एक विश्लेषण में यह अनुमान जताया गया है। ग्लोबलडेटा ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि वित्तीय सौदों के विश्लेषण से पता चलता है कि वर्ष 2022 में भारत में 20.9 अरब डॉलर मूल्य के कुल 1,726 उद्यम पूंजी वित्तपोषण सौदे हुए जबकि वर्ष 2021 में 33.8 अरब डॉलर मूल्य के 1,715 सौदे हुए थे।
आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी ग्लोबलडेटा ने कहा, "आर्थिक अनिश्चितता और बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल होने से भारत में सक्रिय कंपनियों को वित्त एवं निवेश जुटाने पर असर का सामना करना पड़ा है। इसकी वजह से पिछले साल वीसी निवेश साल भर पहले की तुलना में 38.2 प्रतिशत तक गिर गया।" कंपनी के प्रमुख विश्लेषक अरोज्योति बोस ने कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का प्रमुख बाजार है और वीसी वित्तपोषण की संख्या एवं मूल्य दोनों के लिहाज से यह चीन के आसपास है। इसके अलावा भारत दुनिया के चार प्रमुख वीसी बाजारों में से एक है।
वर्ष 2022 में दुनिया भर के कुल वीसी निवेश में भारत की हिस्सेदारी संख्या एवं मूल्य के लिहाज से क्रमशः 5.1 प्रतिशत एवं 6.3 प्रतिशत रही। खास बात यह है कि प्रतिकूल आर्थिक परिवेश में पिछले साल अमेरिका, ब्रिटेन एवं चीन में जहां वीसी वित्तपोषण की संख्या घटी वहीं भारत में यह 0.6 प्रतिशत की बढ़त पर रही।
बोस ने कहा कि वर्ष 2022 में हुए वीसी वित्तपोषण सौदों का औसत आकार घटकर 1.21 करोड़ डॉलर रह गया जबकि वर्ष 2021 में यह 1.97 करोड़ डॉलर था। उन्होंने कहा, "उद्यम पूंजी निवेश में गिरावट आने के पीछे एक वजह उन कंपनियों की कमी भी रही जो निवेशकों के लिए तगड़ा रिटर्न दे सकती हैं। भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह एक चुनौती है।"
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