जनसंख्या के लिहाज से भारत का सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई है। कृषि प्रधान राज्य उत्तर प्रदेश अब एक्टिव या ऑपरेशनल कंपनियों के मामले में पश्चिम बंगाल को पीछे छोड़ देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी किए गए लेटेस्ट डाटा में ये बात सामने आई है। उत्तर प्रदेश में बेहतर हो रहे आर्थिक वातावरण और राज्य सरकार पर बढ़ रहे कंपनियों के भरोसे की वजह से राज्य ने ये उपलब्धि हासिल की है।
महाराष्ट्र पहले और दिल्ली दूसरे स्थान पर
इस लिस्ट में 30 सितंबर महाराष्ट्र 3,38,351 एक्टिव कंपनियों के साथ पहले और दिल्ली 2,46,361 कंपनियों के साथ दूसरे स्थान पर है। अब पश्चिम बंगाल को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर आ गया है, जहां कुल एक्टिव कंपनियों की संख्या 1,45,009 है। वहीं दूसरी ओर, तीसरे स्थान से चौथे स्थान पर आए पश्चिम बंगाल में कुल एक्टिव कंपनियों की संख्या 1,44,348 है।
पिछले डेढ़ साल में हुई सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
उत्तर प्रदेश में पिछले डेढ़ साल में एक्टिव कंपनियों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान राज्य में 28,649 एक्टिव कंपनियां जुड़ी हैं, जो महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है। वहीं दूसरी ओर, पिछले डेढ़ साल में पश्चिम बंगाल में सिर्फ 8,896 नई एक्टिव कंपनियां शामिल हुई हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी के आईटी डिपार्टमेंट के को-इंचार्ज अमित मालवीय ने इस मामले से जुड़ा एक ट्वीट भी किया है।
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लॉन्ग टर्म की संभावनाएं
एक्सपर्ट्स का मानना है कि उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था, बड़ा कंज्यूमर बेस और राज्य को बिजनेस के लिए बेहतर बनाने के सरकार की कोशिशों की वजह से कंपनियां यहां अपना निवेश करने के लिए प्रेरित हो रही हैं। राज्य के एक अधिकारी के मुताबिक‘आक्रामक इंवेस्टर आउटरीच’ और लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट की संभावनाओं ने बिजनेस के लिए उत्तर प्रदेश के आकर्षण को और बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और डिफेंस सेक्टर को खुलकर सपोर्ट कर रहा है। इसके साथ ही राज्य ने कई सेक्टर में एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी प्राथमिकता दी है।
पश्चिम बंगाल में बंद हो रही हैं ज्यादा कंपनियां
पश्चिम बंगाल में आज तक 2,42,249 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं, लेकिन राज्य में बड़ी संख्या में कंपनियां बंद हुई हैं। डाटा से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में 94,039 कंपनियां बंद हो चुकी हैं, 1145 कंपनियां लिक्विडेशन के अधीन हैं, 456 डॉर्मेंट हैं, और 2261 डीरजिस्ट्रेशन के प्रोसेस में हैं। वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में 52,603 कंपनियां बंद हुई हैं, 295 लिक्विडेशन के अधीन हैं, 107 डॉर्मेंट हैं, और 1245 डीरजिस्ट्रेशन के प्रोसेस में हैं।
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