US Fed Rate Hike: अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में फिर 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की, भारत पर होंगे ये पांच बड़े असर
इस बढ़ोतरी के बाद भारत में भी ब्याज दर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। RBI की 3 नवंबर यानी आज से मौद्रिक समिति की विशेष बैठक हो रही है।
US Fed Rate Hike: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने आसमान छूती महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दर में एक बार फिर 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही ब्याज दर बढ़कर 3.75%-4% के दायरे में आ गई है। यह 14 साल यानी 2008 के बाद उच्चतम स्तर है। हालांकि, इसके बाद फेड ने ब्याज दर में बड़ी बढ़ोतरी नहीं करने के संकेत दिए हैं। फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि महंगाई को कंट्रोल करना केंद्रीय बैंक का लक्ष्य है। इसमें सफला भी मिली है। अमेरिका में महंगाई 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया है आगे इतनी बढ़ोतरी नहीं होगी। महंगाई को काबू में लाने की आक्रामक नीति अब अंतिम दौर में है।
मंदी की आशंका कम हई
अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर में बढ़ोतरी के बाद बताया कि मंदी की आशंका कम हुई है। इससे आगे ब्याज दर में बड़ी बढ़ोतरी से राहत दी जाएगी। यह स्टॉक मार्केट के लिए अच्छी खबर है। फेड की बैठ के बाद बताया गया कि होम लोन की ब्याज दरों में वृद्धि से हाउसिंग मार्केट में मुद्रास्फीति काबू होने की संभावना है। इस बढ़ोतरी से महंगाई को और काबू करने में मदद मिलेगी। फेड के इस ब्यान के बाद अमेरिकी बाजार में तेजी देखने को मिली। आज भारतीय बाजार में उतार—चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है।
भारत में भी ब्याज दर बढ़ने की संभावना
इस बढ़ोतरी के बाद भारत में भी ब्याज दर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 3 नवंबर यानी आज से मौद्रिक समिति की विशेष बैठक हो रही है। इसमें संभावना है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर ब्याज दर में बढ़ोतरी का ऐलान करे। गौरतलब है कि भारत में भी महंगाई 6 फीसदी से अधिक बनी हुई है। यह रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊपर बना हुआ है। इसको देखते हुए जानकारों का कहना है कि आरबीआई भी एक और बढ़ोतरी का फैसला कर सकता है। इसके चलते विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली कर सकते हैं, जिससे शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है। वहीं, बॉण्ड की बिक्री से डॉलर को मजबूती मिलेगी जो रुपए को कमजोर करेगा। रुपया 83 के स्तर को पार कर सकता है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती सोने की कीमत में गिरावट आएगी जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलेगा।